भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्रीय बजट 2024 से पहले IDBI बैंक के लिए बोली लगाने वालों को ‘फिट एंड प्रॉपर’ अप्रूवल दे दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्टों में ये दावा किया गया है। अप्रूवल की खबरों के बाद IDBI का शेयर करीब 5% ऊपर कारोबार कर रहा है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने मई 2021 में IDBI बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की शुरुआत की थी। तब से, केंद्र RBI से हरी झंडी का इंतजार कर रहा था। RBI ये आंकलन कर रहा था कि बोली लगाने वाले ‘फिट और प्रॉपर’ नॉर्म्स को पूरा करते हैं या नहीं।
IDBI के शेयर में करीब 5% की तेजी
रिजर्व बैंक के अप्रूवल के बाद आज IDBI के शेयर में करीब 5% की तेी है। ये 92 रुपए पर कारोबार कर रहा है। बीते एक साल में इसके शेयर में 60% से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। वहीं इस साल IDBI बैंक का शेयर 36% से ज्यादा चढ़ा है।
सरकार के पास IDBI की 45.48% हिस्सेदारी
वर्तमान में, सरकार के पास IDBI की 45.48% हिस्सेदारी है। वहीं जीवन बीमा दिग्गज एलआईसी 49.24% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक है। दोनों ने संयुक्त रूप से IDBI में 60.7% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
भारत में 12 सरकारी बैंक 60% कंट्रोल करते हैं
वर्तमान में, भारत में 12 सरकारी बैंक हैं जो कुल मिलाकर बैंकिंग सिस्टम की कुल संपत्ति का लगभग 60% कंट्रोल करते हैं। वादों के बावजूद, केंद्र सरकार ने इन संस्थाओं में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री 2024 के लोकसभा चुनावों तक के लिए स्थगित कर दी थी।
सीतारमण ने कहा था- दो बैंकों का निजीकरण करेंगे
2020 के बजट में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कम से कम दो बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण के सरकार के इरादे की घोषणा की थी। हालांकि, यह योजना अभी तक इम्प्लीमेंट नहीं हुई है।