लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के होलटाइम डायरेक्टर और प्रेसिडेंट (एनर्जी) सुब्रमण्यन सरमा का कहना है कि कंपनी वित्त वर्ष 2025 में 50 से 60 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर काम शुरू कर सकती है। कंपनी इस दौरान ऑयल टू केमिकल्स (O2C) और पेट्रोकेमिकल्स में जबरदस्त निवेश कर सकती है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कंपनी खुद से इस दिशा में काम करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए L&T ग्लोबल इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) फर्मों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने को उत्सुक है।
सरमा का यह भी कहना था कि पारंपरिक प्रोजेक्ट्स के ऑर्डर में मजबूती बनी हुई है, जबकि ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स को लेकर भी दिलचस्पी बढ़ रही है। उनके मुताबिक, ब्लू मध्य-पूर्व के देशों में अमोनिया और कार्बन कैप्चर प्रोजेक्ट्स में अवसर हैं, बल्कि ग्रीन हाइड्रोजन डिवेलपमेंट का प्रचलन यूरोप में ज्यादा है। उनका कहना है कि कंपनी ने ग्रीन-हाइड्रोजन के लिए बहुस्तरीय रणनीति बनाई है।
मध्य-पूर्व के देशों में एनर्जी प्रोजेक्ट्स के बारे में उनका कहना था कि सऊदी अरब के जफूरा में फिलहाल कंपनी के पास चार कॉन्ट्रैक्ट्स हैं, जिनमें जफूरा गैस प्लांट, जफूरा फेज-1 कंप्रेशन, जफूरा फेज 2 कंप्रेशन और जफूरा डाउनस्ट्रीम पाइपलाइन शामिल हैं। इनकी कुल वैल्यू 7 अरब डॉलर है और इन पर काम भी चल रहा है। बाकी ऑर्डर बुक तकरीबन 5.5 अरब डॉलर का होगा। सरमा ने बताया कि इसे अगले 2.5 साल में लागू किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कंपनी के पास मिडिल-ईस्ट में एनर्जी ट्रांजिशन से जुड़े कौन से प्रोजेक्ट हैं, शर्मा ने बताया कि खास तौर पर ब्लू अमोनिया स्पेस में कंपनी के पास कई प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें कार्बन कैप्चर प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स की मांग यूरोप में रहने की संभावना है, जबकि ब्लू प्रोजेक्ट्स की मांग मिडिल ईस्ट और अमेरिका में ज्यादा रहेगी और इस वजह से कंपनी को कम से कम अगले 2-3 साल में इस सेगमेंट में मांग बनी रहने की उम्मीद है।
एनर्जी ट्रांजिशन किस तरह से L&T के रेवेन्यू मॉडल में बदलाव कर रहा है, इस पर सरमा ने कहा कि कंपनी के रेवन्यू में ग्रीन प्रोजेक्ट्स की हिस्सेदारी स्टैंडअलोन हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है और यह आंकड़ा तकरीबन 50 पर्सेंट पर पहुंच गया है। उनके मुताबिक, कंपनी सौर ऊर्जा उत्पादन से जुड़ी कई EPC परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, लिहाजा इस हिस्सेदारी में बढ़ोतरी जारी रहेगी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 15 जुलाई को कंपनी का शेयर तकरीबन फ्लैट यानी 0,06 पर्सेंट ऊपर 3,651.60 रुपये पर बंद हुआ।