Your Money

ITR Filing: दिव्यांग व्यक्ति के इलाज पर आने खर्च पर भी इनकम टैक्स में मिलती है छूट, जानिए इसका फायदा उठाने का क्या है प्रोसेस

इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे कई डिडक्शन की इजाजत है, जिनसे टैक्स का बोझ काफी घट जाता है। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की डेडलाइन से पहले सभी तरह के डिडक्शन के बारे में जान लेना फायदेमंद है। आज हम बात कर रहे हैं सेक्शन 80डीडी और 80यू के तहत मिलने वाले डिडक्शन के बारे में। इस सेक्शन के तहत परिवार के दिव्यांग सदस्य के इलाज पर आने वाले खर्च पर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। इस डिडक्शन को क्लेम करने की क्या शर्त है, इससे टैक्स में कितनी राहत मिलती है, इसे कैसे क्लेम किया जा सकता है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

क्या प्रमाणपत्र देना होगा?

सेक्शन 80डीडी और 80यू के तहत डिडक्शन क्लेम करने के लिए फॉर्म 10-IA भरना जरूरी है। इसे कोई दिव्यांग टैक्सपेयर या ऐसा टैक्सपेयर फाइल कर सकता है, जिसके परिवार में कोई सदस्य दिव्यांग है। इस फॉर्म का सरकारी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट, सिविल सर्जन या चीफ मेडिकल प्रैक्टिसनर की तरफ से सर्टिफायड होना जरूरी है। दरअसल, यह इस बात का प्रूफ होता है कि सेक्शन 80डीडी और 80यू के तहत डिडक्शन करने वाला व्यक्ति या उसके परिवार को कोई सदस्य (Dependent) दिव्यांग है।

 

कितना डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है?

सेक्शन 80DD के तहत कोई टैक्सपेयर या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) परिवार के दिव्यांग सदस्य (Dependent) के इलाज पर आने वाले खर्च (Medical Expenses) पर डिडक्शन क्लेम कर सकता है। अगर किसी टैक्सपेयर ने परिवार के दिव्यांग सदस्य (Dependent) का खास इंश्योरेंस (Specified Policy) कराया है तो उसके प्रीमिमय पर भी इस सेक्शन के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। सामान्य विकलांगता की स्थिति में सालाना 75,000 रुपये डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। गंभीर विकलांगता की स्थिति में सालाना 1,25,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है। परिवार के सदस्य यानी Dependent में टैक्सपेयर के पति/पत्नी, बच्चे, मातापिता, बहन और भाई शामिल हैं। HUF के मामले में एचयूएफ का कोई सदस्य इसमें शामिल हो सकता है।

टैक्सपेयर खुद दिव्यांग है तो लाभ मिलेगा?

सेक्शन 80यू के तहत डिडक्शन का क्लेम तब होता है, जब टैक्सपेयर खुद दिव्यांग है। यह किसी मेडिकल अथॉरिटी से प्रमाणित होना चाहिए। ऑटिज्म (Autism), सेरेब्राल पालसी (Cerebral Palsy) सहित गंभीर रूप से विकलांग कोई टैक्सपेयर इस सेक्शन के तहत डिडक्श क्लेम कर सकता है। इस सेक्शन के तहत सामान्य विकलांगता की स्थिति में सालाना 75,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है। गंभीर विकलांगता (80 फीसदी) की स्थिति में 1,25,000 रुपये तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

कौन सा फॉर्म इस्तेमाल करना होगा?

यह समझ लेना जरूरी है कि दोनों ही सेक्शन में डिडक्शन क्लेम करने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी है। अगर सर्टिफिकेट एक्सपायर कर गया है तो नया सर्टिफिकेट बनवाना होगा। उसे इनकम टैक्स रिटर्न के साथ सब्मिट करना होगा। इसके लिए फॉर्म 10-IA फाइल करना होगा। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट के ‘ई-फाइल’ पर जाना होगा। फिर आपको इनकम टैक्स फॉर्म्स पर क्लिक करना होगा। वहां यह फॉर्म मिल जाएगा।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
NIFTY 50 
₹ 23,907.25  2.39%  
NIFTY BANK 
₹ 51,135.40  1.51%  
S&P BSE SENSEX 
₹ 79,117.11  2.54%  
RELIANCE INDUSTRIES LTD 
₹ 1,265.40  3.47%  
HDFC BANK LTD 
₹ 1,745.60  0.25%  
CIPLA LTD 
₹ 1,486.50  1.43%  
TATA MOTORS LIMITED 
₹ 791.00  2.22%  
STATE BANK OF INDIA 
₹ 816.05  4.52%  
BAJAJ FINANCE LIMITED 
₹ 6,683.95  3.38%  
BHARTI AIRTEL LIMITED 
₹ 1,569.30  2.89%  
WIPRO LTD 
₹ 571.65  2.60%  
ICICI BANK LTD. 
₹ 1,278.05  2.20%  
TATA STEEL LIMITED 
₹ 142.78  1.83%  
HINDALCO INDUSTRIES LTD 
₹ 652.10  0.62%