सरकार एक समझौते के जरिए महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) का संचालन बीएसएनएल को सौंपने के विकल्प पर विचार कर रही है. मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सरकार विलय की जगह इस विकल्प पर विचार कर रही है. इस पर अंतिम फैसला एक महीने में लिए जाने की संभावना है. सूत्र ने बताया कि कर्ज में डूबी MTNL का संचालन एक समझौते के जरिए भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को सौंपने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है.
मर्जर सही फैसला नहीं होगा
उन्होंने बताया कि MTNL के भारी कर्ज को देखते हुए बीएसएनएल के साथ विलय अनुकूल विकल्प नहीं है. फैसला लिए जाने के बाद प्रस्ताव सचिवों की समिति के सामने रखा जाएगा और उसके बाद मंत्रिमंडल इस बारे में अंतिम निर्णय लेगी. MTNL ने बढ़ते वित्तीय संकट के बीच इस सप्ताह शेयर बाजार को दी सूचना में कहा था कि वह अपर्याप्त फंड के कारण कुछ बॉन्ड धारकों को ब्याज का भुगतान करने में असमर्थ है. यह ब्याज 20 जुलाई 2024 को देय है.
एस्क्रो अकाउंट में पर्याप्त फंड नहीं
MTNL, दूरसंचार विभाग और बीकन ट्रस्टीशिप लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते (TPA) के अनुसार MTNL को देय तिथि से 10 दिन पहले एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि के साथ अर्धवार्षिक ब्याज का भुगतान करना होगा. MTNL ने कहा कि टीपीए के प्रावधानों के मद्देनजर, यह सूचित किया जाता है कि अपर्याप्त फंड के कारण, MTNL एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि जमा नहीं कर सकी है.
MTNL दिल्ली और मुंबई में सर्विस देती है
MTNL दिल्ली और मुंबई में दूरसंचार सेवाएं देती है, जबकि बीएसएनएल दिल्ली और मुंबई को छोड़कर पूरे भारत में परिचालन करती है. रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी निजी दूरसंचार कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों में अपने ग्राहकों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन MTNL का ग्राहक आधार घट रहा है.