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कोर इन्वेस्टमेंट कंननी बनेगी जियो फाइनेंशियल: रिजर्व बैंक से मिली कंपनी को मंजूरी, एक साल में 40% से ज्यादा चढ़ा शेयर

 

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शेयर आज यानी, शुक्रवार को फोकस में है। कंपनी ने एक्सचेंजों को बताया है कि उसे “नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी” (NBFC) से “कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी” में परिवर्तित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है।

 

पिछले साल नवंबर में जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने कंपनी को नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी में बदलने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास आवेदन किया था। इसने 21 नवंबर, 2023 को दोनों एक्सचेंजों को यह जानकारी दी थी।

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस के अलग होने के बाद 21 अगस्त 2023 में अपने शेयर लिस्ट किए थे। शेयरों की लिस्टिंग 265 रुपए पर हुई थी। अभी इसका शेयर 350 रुपए के करीब कारोबार कर रहा है।

₹100 करोड़ से ज्यादा के एसेट साइज वाली कंपनी होती है CIC
कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) एक स्पेशलाइज्ड NBFC है जिसका एसेट साइज ₹100 करोड़ से ज्यादा होता है। 20 दिसंबर 2016 के आरबीआई सर्कुलर के आधार पर, CIC का मुख्य काम कुछ शर्तों के साथ शेयर्स और सिक्योरिटीज का अधिग्रहण करना है।

CIC को ग्रुप कंपनियों में इक्विटी शेयरों, प्रिफरेंस शेयरों, बॉन्ड, डिबेंचर, लोन में इन्वेस्टमेंट के रूप में अपने नेट एसेट का कम से कम 90% रखना पड़ता है। ₹100 करोड़ से अधिक एसेट साइज वाले सभी CIC भारतीय रिजर्व बैंक के लॉ से रेगुलेट होते हैं।

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