प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 25,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत एमटेक ग्रुप के प्रमोटर अरविंद धाम को हिरासत में ले लिया है। धाम, एमटेक ग्रुप के डायरेक्टर्स में भी शामिल हैं। ऑटोमोटिव इक्विपमेंट बनाने वाला एमटेक ग्रुप दिवालिया हो चुका है। ईडी ने बयान में कहा कि धाम को 9 जुलाई को हिरासत में लिया गया।
धाम को दिल्ली में एक स्पेशल PMLA (Prevention of Money Laundering Act) अदालत के समक्ष 10 जुलाई को पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 7 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने कहा कि कंपनी और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला CBI की उस FIR से सामने आया है, जो IDBI Bank और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की लिखित शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थी।
Amtek Group के खिलाफ क्या हैं आरोप
एजेंसी ने बताया कि यह आरोप लगाया गया था कि धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक विश्वासघात करके लोन्स का इस्तेमाल कहीं और किया गया, जिससे बैंकों को गलत तरीके से 673.35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में एमटेक ऑटो समूह की कंपनियों के खिलाफ एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।
पिछले महीने ED ने मारे छापे
ईडी ने पिछले महीने दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और नागपुर में अरविंद धाम, कंपनी के एक अन्य डायरेक्टर गौतम मल्होत्रा और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे। निदेशालय ने कहा कि एमटेक समूह ने 15 से अधिक बैंकों से लिए गए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन का भुगतान नहीं किया है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि धाम, विभिन्न कंपनियों में कई बेनामी संपत्तियों के बेनिफीशियल ओनर थे। इन कंपनियों में एमटेक समूह के कर्मचारी जैसे चपरासी, ड्राइवर, फील्ड बॉय और समूह की कंपनियों से कोई संबंध नहीं रखने वाले लोग डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे थे। ईडी ने कहा कि धाम ने अपने पास मौजूद ऐसी संपत्तियों के बारे में किसी भी बैंक या लेनदार को कभी नहीं बताया।