इंडिया में रहने वाले टैक्सपेयर की इनकम में फॉरेन इनकम शामिल हो सकती है। जब टैक्सपेयर को विदेश में इनकम होती है तो उस पर दोनों देशों में टैक्स लगता है। इससे डबल टैक्सेशन यानी एक इनकम पर उसे दो बार टैक्स चुकाना पड़ता है। ऐसा ना हो इसके लिए सरकार ने फॉरेन टैक्स क्रेडिट (एफटीसी) का सिस्टम बनाया है। इससे एक ही इनकम पर टैक्सपेयर को दो बार टैक्स नहीं देना पड़ता है। टैक्सपेयर्स फॉर्म 67 भरकर इसका फायदा उठा सकते हैं।
सेक्शन 90 और 91 में एफटीसी के प्रावधान शामिल हैं
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 90 और 91 में एफटीसी के प्रावधान शामिल हैं। सेक्शन 90 में एफटीसी का दावा तब किया जा सकता है, जब दूसरे देशों के साथ इंडिया का डबल टैक्स एवायडेंस एग्रीमेंट्स (DTAAs) हो। सेक्शन 91 में तब क्रेडिट क्लेम किया जा सकता है जब दूसरे देश के साथ इंडिया का DTAAs न हो। ऐसे मामलों में विदेश में चुकाए गए टैक्स पर FTC की इजाजत है। इससे टैक्सपेयर्स को एक ही इनकम पर दो बार टैक्स नहीं देना पड़ता है।
FTC क्लेम करने के लिए फॉर्म 67 फाइल करना होगा
सेंट्रल बोर्ड ऑफ टैक्सेज (CBDT) के मुताबिक, टैक्सपेयर को एसेसमेंट ईयर के दौरान या उसके अंत से पहले फॉर्म 67 फाइल करना जरूरी है। साथ ही यह फॉर्म तभी भरा जा सकता है जब टैक्सपेयर ने इनकम टैक्स की डेडलाइन के अंदर रिटर्न फाइल किया हो। फॉर्म 67 फाइल करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा। फिर ‘ई-फाइल’ मेन्यू में इनकम टैक्स फॉर्म्स सेलेक्ट करना होगा। इसके बाद अपनी सभी फॉरेन इनकम की डिटेल भरनी होगी। चुकाए गए टैक्स की भी जानकारी देनी होगी।
टैक्स पेमेंट का प्रूफ देना होगा
आपको फॉरेन अथॉरिटी को किए गए टैक्स पेमेंट का प्रूफ भी देना होगा। यह टैक्स पेमेंट रिसीट, टैक्स डिडक्शन सर्टिफिकेट या टैक्स पेमेंट को वेरिफाइ करनेवाला कोई ऑफिशियल डॉक्युमेंट हो सकता है। फॉर्म भरने के बाद ऑनलाइन सब्मिट किया जा सकता है। सब्मिशन को ऑथेंटिकेट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) या डिजिटर सिग्नेटर सर्टिफिकेट (DSC) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
रूल 128 के मुताबिक, टैक्सपेयर को रिटर्न फाइलिंग की तय तारीख से पहले कुछ डॉक्युमेंट्स देना जरूरी है। इनमें स्टेटमेंट ऑफ फॉरेन इनकम, फॉरेन अथॉरिटी से सर्टिफिकेट या स्टेटमेंट, पेमेंट का प्रूफ आदि शामिल हैं। यह ध्यान रखा जरूरी है कि अगर विदेश में चुकाए गए टैक्स को लेकर किसी तरह का विवाद है तो एफटीसी क्लेम नहीं किया जा सकता।