भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पर 1.31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना KYC और ‘लोन्स एंड एडवांसेज’ से जुड़े कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने 31 मार्च, 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में वैधानिक निरीक्षण किया। उसके बाद बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था। नोटिस को लेकर पंजाब नेशनल बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद, RBI ने पाया कि PNB (Punjab National Bank) ने सब्सिडी/रिफंड/रिइंबर्समेंट के माध्यम से सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के बदले में राज्य सरकार के मालिकाना हक वाले 2 कॉरपोरेशंस को वर्किंग कैपिटल डिमांड लोन मंजूर किए।
रिजर्व बैंक ने कहा कि साथ ही PNB, कुछ खातों में बिजनेस रिलेशनशिप के दौरान प्राप्त ग्राहकों की पहचान और उनके पते से संबंधित रिकॉर्ड को सहेजने करने में विफल रहा। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि PNB पर लगा यह जुर्माना रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों पर बेस्ड है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव डालना नहीं है।
शिमशा सहकार बैंक नियमित का लाइसेंस रद्द
इसके अलावा ने RBI ने कर्नाटक स्थित शिमशा सहकार बैंक नियमित, मद्दुर की बिगड़ती वित्तीय हालत को देखते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया है। RBI ने एक बयान में कहा कि बैंक 5 जुलाई, 2024 को कामकाजी समय खत्म होने के बाद बैंकिंग कामकाज बंद कर देगा। कर्नाटक की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से इस सहकारी बैंक को बंद करने का आदेश जारी करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का भी अनुरोध किया गया है।
शिमशा सहकार बैंक नियमित का हर एक जमाकर्ता, जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक की दावा राशि पाने का हकदार होगा। बता दें कि अगर कोई बैंक डूबता है, दिवालिया होता है या उसका लाइसेंस रद्द होता है तो जमाकर्ता की उस बैंक में कुल मिलाकर 5 लाख रुपये तक की जमा सुरक्षित होती है।
बैंक का कामकाज जारी रहना, जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक
RBI ने कहा है कि शिमशा सहकार बैंक नियमित के लगभग 99.96 प्रतिशत जमाकर्ता, DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इसका कामकाज जारी रहना, इसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है। बयान के मुताबिक, “अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के कारण बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान कर पाने में असमर्थ होगा।”