एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमतें बुधवार को इस उम्मीद में सर्वोच्च स्तर पर बंद हुईं कि निजी क्षेत्र के बैंक का भार एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में दोगुना हो जाएगा। इन उम्मीदों को तब बल मिला जब इस बैंक में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी घटकर 55 फीसदी से नीचे चली गई। वैश्विक सूचकांक प्रदाता ने 55 फीसदी की सीमा रखी हुई है।
बैंक का शेयर 2.18 फीसदी की बढ़त के साथ 1,768.35 रुपये पर बंद हुआ। बैंक के एडीआर 4.48 फीसदी चढ़कर 66.97 डॉलर पर बंद हुए। बैंक के डिस्क्लोजर के मुताबिक जून 2024 तक विदेशी शेयरधारिता घटकर 54.83 फीसदी रह गई जो मार्च 2024 में 55.54 फीसदी रही थी।
मैक्वेरी रिसर्च की रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया कि बैंक में एफपीआई की मौजूदा शेयरधारिता एमएससीआई के लिए भार 0.5 गुने से 1 गुने के रूप में समायोजित करने के लिए आवश्यक है और इस तरह से अगस्त में एचडीएफसी बैंक का एमएससीआई में भार दोगुना हो सकता है। एमएससीआई इंडिया में एचडीएफसी बैंक का भार 3.9 फीसदी है जो 7.8 फीसदी तक जा सकता है और इससे करीब 5.2 अरब डॉलर का पैसिव निवेश आकर्षित हो सकता है।
एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमतें 4 जून के बाद से 19 फीसदी बढ़ी हैं और इस तरह से लंबे समय तक कमजोर प्रदर्शन का सिलसिला थम गया। शेयर ने निफ्टी बैंक इंडेक्स और निफ्टी बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है ।
अगस्त में एमएससीआई इंडेक्स में एचडीएफसी बैंक के भार में संशोधन तक विश्लेषकों को इस शेयर में तेजी की संभावना दिख रही है। आईआईएफएल ऑल्टरनेटिव रिसर्च के मुताबिक भार पर फैसला होने तक एचडीएफसी बैंक का शेयर 4 से 6 फीसदी तक चढ़ सकता है।