HDFC Bank ने चौथी तिमाही में 16,514 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया है। यह साल दर साल आधार पर 37 फीसदी ज्यादा है। लेकिन, इस तुलना का ज्यादा मतलब नहीं है, क्योंकि एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी का विलय पिछले वित्त वर्ष में हुआ था। तीसरी तिमाही से तुलना कर बैंक का प्रॉफिट में ज्यादा बदलाव नहीं है। बैंक का अर्निंग्स प्रति शेयर (EPS) FY24 में करीब अपरिवर्तित रहा। संभवत: दो दशक में यह पहली बार है जब वित्त वर्ष के दौरान बैंक का ईपीएस अपरिवर्तित रहा है, जबकि साल दर साल आधार पर अर्निंग्स ग्रोथ 20 फीसदी से ज्यादा रही है। यह एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के विलय का असर है।
क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेशियो में इम्प्रूवमेंट
एचडीएफसी बैंक के चौथी तिमाही के नतीजों में कई खास बातें दिखीं। सबसे बड़ा पॉजिटिव क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेशियो (CD Ratio) में इम्प्रूवमेंट था। इसकी वजह स्ट्रॉन्ग डिपॉजिट ग्रोथ और सुस्त लोन ग्रोथ है। मार्जिन स्थिर रहा, जबकि एसेट क्वालिटी अच्छी थी। चौंकाने वाली बात यह है कि बैंक ने 10,900 करोड़ रुपये का फ्लोटिंग प्रोविजन किया है। अगर यह प्रॉविजन नहीं किया होता तो बैंक की प्रॉफिट ग्रोथ और ज्यादा होती। लेकिन, बैंक ने अपनी बैलेंसशीट को स्ट्रॉन्ग बनाए रखने पर फोकस किया।
NIM विलय से पहले के लेवल से अब भी कम
एचडीएफसी बैंक के लोन की तिमाही आधार पर ग्रोथ सिर्फ 1.6 फीसदी रही। यह आम तौर पर इसकी 4.5-5 फीसदी की तिमाही ग्रोथ के मुकाबले काफी कम है। दूसरी तरफ बैंक की तिमाही डिपॉजिट ग्रथ बढ़कर चौथी तिमाही में 7.5 फीसदी पहुंच गई। जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक में 1,66,000 करोड़ रुपये का डिपॉजिट आया। चौथी तिमाही में बैंक का नेट-इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 3.4 फीसदी रहा। तीसरी तिमाही में भी NIM इतना ही था। हालांकि, यह विलय से पहले के 4.1 फीसदी मार्जिन के मुकाबले काफी कम है। पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने 917 नए ब्रांच खोले। इससे बैंक की कुल ब्रांच की संख्या बढ़कर 8,738 हो गई है।
ग्रोथ के मुकाबले प्रॉफिट बनाने की क्षमता पर फोकस
बैंक का सीडी रेशियो दिसंबर के 105 फीसदी से बढ़कर 110 फीसदी हो गया। कर्ज घटकर बैंक की कुल लायबिलिटी का 18 फीसदी रह गया है। हालांकि, यह अब भी विलय से पहले के 8 फीसदी के मुकाबले कम है। मार्जिन में स्थिरता और कम संख्या में नए ब्रांच खुलने से पता चलता है कि बैंक ने ग्रोथ के मुकाबले प्रॉफिट बनाने की क्षमता पर ज्यादा ध्यान दिया है।
10,900 करोड़ रुपये का प्रोविजन
एचडीएफसी बैंक की एसेट क्वालिटी लंबे समय से अच्छी बनी हई है। बैंक का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स 1.2 फीसदी रहा। इससे पता चलता है कि इसमें पिछली कुछ तिमाहियों में सुधार आया है। इसके बावजूद बैंक ने 10,900 करोड़ रुपये का प्रोविजन किया है। क्रेडिला में हिस्सेदारी बेचने से मिले 7,300 करोड़ रुपये कैपिटल गेंस से बैंक 4,400 करोड़ रुयये के प्रावधान को रिवर्स कर दिया।