The Money Fair IPO Listing: ‘द मनी फेयर’ प्लेटफॉर्म के जरिए क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन बांटने वाली अकिको ग्लोबल सर्विसेज (Akiko Global Services) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 13 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 77 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 98.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 27.27 फीसदी का लिस्टिंग गेन (The Money Fair Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर यह 93.10 रुपये (The Money Fair Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 20.91 फीसदी मुनाफे में हैं।
The Money Fair IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
द मनी फेयर का ₹23.11 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 25-27 जून तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 34.96 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 10.21 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 48.05 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 45.57 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 30,01,600 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल ईआरपी सॉल्यूशन और टेलीसीआरएम को लागू करने, फाइनेंशियल प्रोडक्ट सॉल्यूशन के मोबाइल ऐप, ब्रांडिंग, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
Akiko Global Services के बारे में
वर्ष 2018 में बनी अकीको ग्लोबल सर्विसेज बैंकों और NBFC के साथ मिलकर क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन बांटती है। ‘द मनी फेयर’ इसका टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जिस पर क्रेडिट प्रोफाइल चेक की जाती है। इस पर ऑफर्स की तुलना भी कर सकते हैं। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2021 में इसे 22.98 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022 में उछलकर 77.85 लाख रुपये और वित्त वर्ष 2023 में 4.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 154 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 39.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो 10 महीने में इसे 3.21 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 26.10 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका था।