जून में जीएसटी कलेक्शन 7.7% बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये हो गया। मंथली कलेक्शन रेट थोड़ी धीमी हो गई है। तीन साल में यह पहला मौका है, जब मंथली कलेक्शन सिंगल डिजिट की रेट से बढ़ा है। टीओई के सूत्रों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मई में ट्रांजैक्शन के आधार पर केंद्रीय जीएसटी कलेक्शन 3.4% बढ़कर 32,067 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि राज्य जीएसटी 6.3% बढ़कर 40,715 करोड़ रुपये हो गया।
जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े नहीं देगी सरकार: दोनों नंबर्स (संयुक्त) 8% की वृद्धि के साथ 73,134 करोड़ रुपये दिखाती हैं, जो आयात और अंतर-राज्यीय बिक्री और उपकर पर लगाए गए एकीकृत जीएसटी में धीमी वृद्धि को दर्शाता है। सकल जीएसटी संग्रह जून में आठ प्रतिशत बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने हालांकि मासिक जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े आधिकारिक रूप से देना रोक दिया है।
पीटीआई की खबर के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जून) में अब तक सकल जीएसटी कलेक्शन 5.57 लाख करोड़ रुपये रहा। जून में कलेक्शन मई 2024 के कलेक्शन 1.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह जून 2023 के कलेक्शन 1.61 लाख करोड़ रुपये से आठ प्रतिशत अधिक है।
एकीकृत जीएसटी (IGST) का निपटान केद्रीय जीएसटी (CGST) के मद में 39,586 करोड़ रुपये का और राज्य जीएसटी (SGST) के मद में 33,548 करोड़ रुपये का किया गया। इस साल अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया था। सूत्रों ने बताया कि सरकार आगे टैक्स कलेक्शन के संबंध में कोई बयान जारी नहीं करेगी।
ईवाई इंडिया के ‘टैक्स पार्टनर’ सौरभ अग्रवाल ने कहा कि यह मजबूत प्रदर्शन अर्थव्यवस्था में तेजी को दर्शाता है। इसमें कर विभाग के साथ ही व्यवसाय जगत का भी योगदान है। अग्रवाल ने कहा कि संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि से जीएसटी सुधारों के आगे बढ़ाये जाने की उम्मीद है। अगले सुधार संभावित रूप से कार्यशील पूंजी अवरोधों का समाधान कर सकते हैं।
विदेशी व्यापार कमजोर
कई वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण विदेशी व्यापार कमजोर बना हुआ है। जून 2024 में 1.74 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन घरेलू खपत क्षेत्र में तेजी का एक मजबूत संकेतक है। यह चार महीने की प्रभावशाली लकीर को दर्शाता है, जिसमें संग्रह 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। साल दर साल आधार पर यह कुल 5.57 करोड़ रुपये हो गया है। कलेक्शन में उल्लेखनीय वृद्धि जीएसटी सुधारों की अगली लहर के लिए उम्मीदें भी बढ़ाती है।