मार्केट रेगुलेटर सेबी ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बेसिक सर्विसेज डीमैट एकाउंट (BSDA) के ढांचे में बदलाव किया है। इसके तहत बेसिक सर्विसेज डीमैट एकाउंट (BSDA) में सिक्योरिटीज रखने की सीमा 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। सेबी की तरफ से 28 जून को जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘डीमैट एकाउंट में सिक्योरिटीज रखने की सीमा 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।’
इसमें यह भी कहा गया है कि इस एकाउंट की योग्यता हासिल करने के लिए किसी शख्स के पास एक ही डीमैट नए दिशानिर्देश 1 सितंबर से लागू होंगे। बेसिक सर्विस डीमैट एकाउंट (BSDA) में रखी गई सिक्योरिटीज की वैल्यू की सीमा बढ़ाने से छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उनका वित्तीय समावेशन सुनिश्चित होगा। बेसिक सर्विस डीमैट एकाउंट या BSDA नियमित डीमैट खाते का एक अधिक बुनियादी संस्करण है।
यह सुविधा मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा 2012 में छोटे पोर्टफोलियो वाले निवेशकों पर डीमैट शुल्क के बोझ को कम करने के लिए शुरू की गई थी। BSDA के लिए योग्यता पर सेबी ने कहा कि कोई व्यक्ति BSDA के लिए योग्य है, बशर्ते वह कुछ मानदंडों को पूरा करता हो, जैसे कि निवेशक के पास एकमात्र या प्रथम धारक के तौर पर सिर्फ एक डीमैट खाता है, सभी डिपॉजिटरी में उसके नाम पर सिर्फ एक BSDA है और खाते में सिक्योरिटीज की वैल्यू किसी भी समय डेट और नॉन-डेट सिक्योरिटीज दोनों के लिए संयुक्त रूप से 10 लाख रुपये ज्यादा नहीं है।
सेबी ने कहा कि 4 लाख रुपये तक की पोर्टफोलियो वैल्यू पर BDSA के लिए सालाना रखरखाव शुल्क शून्य होगा और 4 लाख रुपये से ज्यादा और 10 लाख रुपये तक के पोर्टफोलियो मूल्यों के लिए, शुल्क 100 रुपये होगा। हालांकि, अगर पोर्टफोलियो मूल्य 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो BDSA को ऑटोमैटिक रूप से एक नियमित डीमैट खाते में बदल दिया जाना चाहिए। BDSA के लिए सेवाओं के संबंध में, रेगुलेटर ने कहा कि ऐसे खाताधारकों को इलेक्ट्रॉनिक स्टेटमेंट मुफ्त प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, फिजिकल स्टेटमेंट के लिए 25 रुपये प्रति स्टेटमेंट का शुल्क लिया जा सकता है।