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पहली बार विदेशी निवेशक बनेंगे लॉन्ग टर्म इनवेस्टर, भारत के लिए रुझान बदलने में लग गए 11 साल

कल शुक्रवार 28 जून देश के सरकारी बॉन्ड्स की जेपीमॉर्गन गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स-एमर्जिंग मार्केट में एंट्री होगी। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस इंडेक्स में शामिल होने के बाद भारतीय डेट मार्केट में दुनिया भर से भारी निवेश आएगा। इस इंडेक्स का काम विकासशील देशों के बॉन्ड्स के परफॉरमेंस को ट्रैक करना है। इसमें शामिल होने के समय अभी भारत को एक फीसदी वेटेज मिलेगा जिसे 31 मार्च 2025 तक धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 10 फीसदी तक ले जाया जाएगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे न सिर्फ वैश्विक निवेशकों का रुझान भारत की तरफ बढ़ेगा बल्कि पहली बार विदेशी निवेशक यहां लॉन्ग टर्म के लिए पैसे लगाएंगे।

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

इंडियाबॉन्ड्सडॉटकॉम के को-फाउंडर विशाल गोएनका का कहना है कि इस इंडेक्स में शामिल होने से भारतीय बॉन्ड मार्केट्स वैश्विक निवेशकों की निगाह में आ गया। विशाल के मुताबिक शुरुआत में यहां 2500-3000 करोड़ डॉलर का निवेश आ सकता है। पहले तो सरकारी बॉन्ड्स पर फोकस रह सकता है और फिर एएए से कम क्रेडिट रेटिंग्स वाले बॉन्ड्स पर फोकस आ सकता है। सितंबर 2023 की रिपोर्ट में Emkay Global के एनालिस्ट्स ने कहा था कि इस इंडेक्स में शामिल होने पर नए एक्टिव इनवेस्टमेंट्स आएंगे, रिस्क प्रीमियम कम होगा और देश का घाटे की फंडिंग होगी। इससे गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की लिक्विडिटी बढ़ेगी। इसके साथ ही फॉरेक्स मॉर्केट्स को फायदा मिलेगा, कर्ज की लागत कम होगी और राजकोषीय जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।

 

डीएसपी म्यूचुअल फंड के वाइस प्रेसिडेंट (इनवेस्टमेंट्स) शांतनु गोदाम्बे ने देश के बॉन्ड मार्केट के लिए इसे अहम कदम बताया। शांतनु के मुताबिक इस कदम से पहली बार विदेशी निवेशक यहां लॉन्ग टर्म के लिए पैसे लगाएंगे। अभी तक वे या तो ट्रेडिंग या आर्बिट्रेज के हिसाब से यहां पैसे लगाते थे। इस महीने पहले ही यहां 10 हजार-11 हजार करोड़ रुपये आ चुके हैं और औसतन 18 हजार करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।

श्रीराम एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीनियर फंड मैनेजर दीपक रामाराजू का अनुमान है कि इस कदम से रुपया बाकी करेंसी के मुकाबले सालाना 2 फीसदी मजबूत हो सकता है। कर्ज की लागत घटने से निजी बैंकों को फायदा मिलने की उम्मीद है और मैक्रोइकनॉमिक माहौल भी स्थायी होगा।

10 साल से अधिक लग गए इंडेक्स में शामिल होने में

खास बात ये है कि इस इंडेक्स में शामिल होने के लिए सरकार ने वर्ष 2013 में ही चर्चा शुरू कर दी थी और अब इस स्टेज तक पहुंचने में 10 साल से अधिक समय लग गया। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फरवरी में कहा था कि जेपीमॉर्गन इंडेक्स में शामिल होने के चलते यहां भारी निवेश आएगा और आरबीआई इसे संभालने को पूरी तरह तैयार है।

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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