देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, सलिल पारेख (Salil Parekh) ने इनसाइडर ट्रेडिंग के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोपों का सेटलमेंट कर लिया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने गुरुवार 27 जून को यह जानकारी दी। SEBI ने कहा कि पारेख ने इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं करने के कारण 25 लाख रुपये का भुगतान करने पर सहमति जताई है। सुबह 11.15 बजे के करीब, NSE पर इंफोसिस के शेयर 0.39 फीसदी की तेजी के साथ 1,546.75 रुपये के भाव पर कारोबारर कर रहे थे। इस साल अबतक कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन लगभग सपाट रहा है। वहीं पिछले एक साल में इसने निवेशकों को करीब 21 फीसदी का रिटर्न दिया है।
कंपनी के शेयर फिलहाल अपने 52-वीक हाई से करीब 10.89 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। वहीं 52-हफ्तों के निचले स्तर से इसका शेयर इस समय 21.19 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। कंपनी का मार्केट कैप करीब 6.42 लाख करोड़ रुपये है।
इससे पहले खबर आई थी कि कंपनी ने अपने एंप्लॉयीज के लिए आकर्षक ट्रांसफर पॉलिसी शुरू की है। इसके जरिए कंपनी का इरादा कर्नाटक के हुबली डिवेलपमेंट सेंटर में ट्रांसफर लेने के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना है। इंफोसिस मुंबई-कर्नाटक रीजन के इस टियर-2 शहर में अपने ऑपरेशन को मजबूत करना चाहती है।
यह पॉलिसी कंपनी के बैंड 2 और इससे ऊपर के एंप्लॉयीज को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जो भारत में मौजूद कंपनी के किसी भी डिवेलपमेंट सेंटर से प्रोजेक्ट डिलीवरी का काम देखते हैं। इस पॉलिसी के तहत एंप्लॉयीज को फाइनेंशियल इंसेंटिव भी दी जा रही है। इसके तहत बैंड 3 और इससे नीचे के एंप्लॉयीज को शुरू में 25,000 रुपये का रीलोकेशन भत्ता मिलेगा, जबकि दो साल तक हर 6 महीने पर अतिरिक्त 25,000 रुपये मिलेंगे। इस तरह 24 महीने में कुल 1.25 लाख रुपये मिलेंगे।