Budget 2024 Section 80C Limit: मोदी सरकार अपने तीसरे टर्म में करोड़ों टैक्सपेयर्स को खुशखबरी दे सकती है। सरकार 80C की लिमिट 1.50 से बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक कर सकती है। कई टैक्सपेयर्स अपने पसंदीदा टैक्स सेविगं विकल्प के रूप में सेक्शन 80C को चुनते हैं। इनकम टैक्स अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत, यदि व्यक्ति पुरानी टैक्स रीजीम का विकल्प चुनते हैं, तो वे फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये की कटौती का लाभ उठा सकते हैं। जो लोग नई टैक्स रीजीम चुनते हैं वे इस कटौती का लाभ उठाने के पात्र नहीं हैं।
साल 2014 में बढ़ाई गई थी लिमिट
साल 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 80C बेनेफिट लिमिट को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये सालाना कर दिया गया। यह बदलाव सरकार ने अपने पहले बजट में दी गई राहत के प्रमुख रूपों में से एक था। हालांकि, तब से 80C लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया। यह साल 2014 में आखिरी बढ़ोतरी के बाद से एक दशक का प्रतीक है। हर साल कई टैक्सपेयर्स को उम्मीद होती है कि वित्त मंत्री केंद्रीय बजट 2024 में धारा 80C की सीमा बढ़ाएंगे। कई लोगों का मानना है कि इनकम और लागत के अनुरूप 80C की सीमा नहीं बढ़ी है। इस अंतर के कारण कई टैक्सपेयर्स पूरी 80C लिमिट का इस्तेमाल टैक्स बचाने के लिए करते हैं।
धारा 80C का फायदा क्या है?
धारा 80C के तहत टैक्सपेयर्स को अधिकतम टैक्स कटौती की अनुमति 1.5 लाख रुपये हैं। हालांकि, टैक्सपेयर्स एक या अधिक सेविंग में निवेश कर सके हैं। इसके जरिये टैक्स बचा सकते हैं। धारा 80C के तहत कटौती केवल व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए उपलब्ध है। टैक्सपेयर्स बचत योजनाओं में निवेश के लिए या 80C केटेगरी के तहत आने वाले निवेश और खर्चों के पेमेंट के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं।
सेक्शन 80C की सीमा क्यों बढ़ाई जानी चाहिए?
किसी व्यक्ति की टैक्स योग्य आय की कैलकुलेशन उसकी कुल इनकम से 80C कटौती को घटा दिया जाता है। धारा 80C कटौती सीमा में कोई भी बदलाव सीधे किसी व्यक्ति की टैक्स योग्य इनकम पर असर करता है। इसका सीधा फायदा टैक्सपेयर्स को मिलेगा। कई लोगों की लागत बढ़ गई है। वेतन बढ़ गया है, लेकिन धारा 80 सी के लाभ में तेजी नहीं आई है। इसके कारण कई लोग 80C का पूरा फायदा उठाते हैं। इसीलिए हर साल बजट से पहले टैक्सपेयर्सओं के लिए धारा 80C में सीमा बढ़ाना हमेशा पहली प्राथमिकता होता है।