Dividends Stocks: डिविडेंड का अर्थ होता है लाभांश, यानी कंपनी को हुए लाभ में से दिया जाने वाला अंश। हालांकि कई कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2024 में घाटे में रहने के बावजूद अपने शेयरधारकों को लाभांश यानी डिविडेंड देने का ऐलान किया है। दिलचस्प बात यह है कि प्रमोटरों के पास इन कंपनियों में 20% से 75% तक की हिस्सेदारी है। इसके चलते कई मामलों में कुल डिविडेंड भुगतान का एक ठीकठाक हिस्सा उन्हीं के खाते में जाता है। जिन कंपनियों ने घाटे में रहने के बावजूद डिविडेंड का ऐलान किया है, उनमें गुजरात अल्कलीज एंड केमिकल्स लिमिटेड, कोल्टे पाटिल डेवलपर्स, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, आरएचआई मैग्नेसिटा इंडिया, श्रेयस शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स, हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस, बजाज हेल्थकेयर और अरविंद फैशन आदि शामिल हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि घाटे में चल रही कंपनियां तब डिविडेंड बांटने का ऐलान कर सकती हैं, जब उन्होंने स्टैंडअलोन आधार पर मुनाफा दर्ज किया हो। कंपनी अधिनियम के तहत, स्टैंडअलोन मुनाफे की स्थिति में डिविडेंड के भुगतान पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं हैं। हालांकि, शेयर बाजार की 1,000 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों के लिए डिविडेंड भुगतान की प्रक्रिया एक डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी के जरिए शासित होती है।
इसके अलावा अगर कंपनी घाटे में है, तब भी वह फ्री कैश रिजर्व का इस्तेमाल करके डिविडेंड बांटने का ऐलान कर सकती है। इसका एक हालिया उदाहरण गुजरात अल्कलीज एंड केमिकल्स है, जिसने वित्त वर्ष 24 में 132.24 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया। इसके बावजूद, कंपनी ने प्रति शेयर 13.85 रुपये का डिविडेंड घोषित किया। कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 46% है और उन्हें 101.71 करोड़ रुपये के कुल डिविडेंड भुगतान में से करीब 47 करोड़ रुपये मिले।
इसी तरह, कोल्टे पाटिल डेवलपर्स ने वित्त वर्ष 2024 में 71.26 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, लेकिन इसके बावजूद इसने 4 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड घोषित किया। कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 69.45 फीसदी है। डिविडेंड के तौर पर कुल 30.21 करोड़ रुपये बांटे गए, जिसमें से प्रमोटरों को 21.11 करोड़ रुपये मिले।
महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स ने 41 करोड़ रुपये का डिविडेंट बाटा, जिसमें से प्रमोटरों के खाते में 21.08 करोड़ रुपये गए। वहीं हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस ने 32.56 करोड़ रुपये का डिविडेंड बांटा, जिसमें से प्रमोटरों को 22.05 करोड़ रुपये मिले।
वित्त वर्ष 2024 में कम से कम 22 कंपनियों ने घाटे में रहने के बावजूद अपने शेयरधारकों को डिविडेंड बांटे हैं। इन कंपनियों की पूरी लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं-