उन्होंने साथ ही जोड़ा कि अगर सरकार पोल करने वालों के लिए खास नियम बनाती है, तो इससे कारोबार को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। विपक्षी राजनीतिक दलों और कई अन्य संगठनों ने पूंजी बाजार नियामक सेबी और एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के जरिए इस बात की गहन जांच करने की मांग की है कि क्या एग्जिट पोल के जरिए शेयर बाजारों को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
एग्जिट पोल में भाजपा को भारी बहुमत मिलने पर शेयर बाजारों में भारी तेजी देखी गई थी, लेकिन वास्तविक परिणामों में सत्तारूढ़ पार्टी को अपने दम पर स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद भारी गिरावट आई। पीटीआई के मुख्यालय में यहां समाचार एजेंसी के संपादकों के साथ बातचीत में गुप्ता ने कहा कि वह पांच साल से सर्वेक्षण करने वालों के लिए मानदंड और विनियमन तैयार करने की मांग कर रहे हैं।
एक्सिस माई इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गुप्ता ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए 361-401 सीटों की भविष्यवाणी की थी, जबकि वास्तविक संख्या काफी कम रही। उन्होंने एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाने की मांग को बचकाना करार देते हुए कहा कि हर नागरिक और संगठन चुनाव परिणाम जानना चाहता है और एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाने से कोई फायदा नहीं होगा।
गुप्ता ने कहा, ”हमारा शेयर बाजार से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन मुझे इन आरोपों से खुशी हुई, क्योंकि हमारे आंकड़े और कार्य प्रणाली एकदम सही हैं। कोई भी जांच मुझे दुनिया को एग्जिट पोल की भविष्यवाणी करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों को दिखाने का मौका देगी।”
उन्होंने कहा, ”एक तरह से यह हमारे लिए एक अवसर है। मैं मांग का समर्थन करता हूं, क्योंकि इससे हमें अपनी साख दिखाने का मौका मिलेगा।” यह पूछने पर कि क्या वह जेपीसी या सेबी की जांच के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा, ”मैं हर तरह की जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।”
उन्होंने कहा, ”जहां तक शेयर बाजार में उछाल से मुझे कोई लाभ मिलने की बात है… एक्सिस माई इंडिया का कोई डीमैट खाता नहीं है। यह एक लिमिटेड कंपनी है, सूचीबद्ध नहीं है। आज तक कंपनी में कोई भी बाहरी निवेश नहीं हुआ है। प्रवर्तकों ने भी कोई निवेश नहीं किया है। अप्रैल से शेयरों में मेरा व्यक्तिगत निवेश मात्र 35,000 रुपये रहा है। मुझे कहां लाभ हुआ?”
गुप्ता ने एक्सिस माई इंडिया के विदेशी निवेशकों के लिए एग्जिट पोल करने और उनके साथ अलग-अलग परिणाम साझा करने के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, ”किसी भी एफआईआई ने हमसे कभी संपर्क नहीं किया, न ही हमने किसी विदेशी निवेशक के लिए काम किया है। हमने उनके लिए कभी कोई एग्जिट पोल सर्वेक्षण नहीं किया है।”
एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाने की मांग को बचकाना बताते हुए गुप्ता ने कहा कि सर्वेक्षण करने वालों के लिए विशिष्ट नियम न केवल इस व्यापार को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, बल्कि एग्जिट पोल के भरोसे को भी बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक्सिस माई इंडिया के 70 प्रतिशत ग्राहक कॉरपोरेट ग्राहक हैं, जिनमें बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं और उन्होंने एग्जिट पोल के साथ किसी भी तरह के हितों के टकराव से इनकार किया।
उन्होंने आरोप लगाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, ”पहले वे एग्जिट पोल को अवैज्ञानिक बताते थे, अब वे चाहते हैं कि एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। ये बचकानी बातें हैं। हर नागरिक और संगठन चुनाव के नतीजे जानना चाहता है और एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाने से कोई फायदा नहीं होगा।”
उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल सिर्फ यह बताने के लिए नहीं होते कि कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है, बल्कि इससे राजनीतिक दलों को नतीजों का विश्लेषण करने में भी मदद मिलती है। गुप्ता ने कहा, ”मेरे 70 फीसदी ग्राहक कॉरपोरेट ग्राहक हैं। अगर एक्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा भी दिया जाता है, तो इससे हमारे कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जो भी कानून तय करेगा, मैं उसके साथ हूं।”
यह पूछने पर क्या 2024 के चुनाव नतीजों से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है, गुप्ता ने कहा, ”वे हमें हमारे काम के लिए कारोबार देते हैं, न कि इस आधार पर कि हम चुनाव नतीजों की कितनी सही भविष्यवाणी करते हैं।”
उन्होंने कहा, ”पिछले पांच सालों से मैं कुछ नियमन की मांग को लेकर दर-दर भटक रहा हूं। जब हमारे लोग जमीन पर जाते हैं, तो उन्हें संदिग्ध मानसिकता से देखा जाता है। हमें यह समझाना पड़ता है कि हम सेल्सपर्सन नहीं हैं, हम धोखेबाज नहीं हैं और हमें किसी राजनीतिक दल ने नहीं भेजा है। हमसे अक्सर पूछा जाता है कि आपको अनुमति किसने दी? और हम पूछते हैं कि कृपया बताएं कि हमें अनुमति कहां से लेनी होगी?”
उन्होंने कहा, ”हमने गृह मंत्रालय को लिखा, हमें कानून मंत्रालय ने बताया कि इसके लिए कोई कानून नहीं है, इसलिए पहले हमें कानून चाहिए। वहां से हमें सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास भेजा गया कि आप वहां अपना पंजीकरण करवाएं और एक प्रकोष्ठ स्थापित करें।
सवाल यह है कि कौन सही है और कौन गलत है, इसकी निगरानी कौन करेगा… इसलिए कुछ नहीं हुआ। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें विनियमन की जरूरत है।” एक्सिस माई इंडिया 2013 से एग्जिट पोल आयोजित कर रहा है। उस समय गुप्ता हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से लौटे थे।
उनका दावा है कि उन्होंने 65 में 61 चुनावों की सही भविष्यवाणी की। यह पूछने पर कि एक्सिस माई इंडिया यह खुलासा क्यों नहीं करता कि कुछ राजनीतिक दल भी उसके ग्राहक हैं, गुप्ता ने कहा, ”2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में, भाजपा हमारे ग्राहकों में शामिल थी और एग्जिट पोल में हमने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी, जो बिल्कुल सही थी।”