Paytm Layoffs: पेटीएम के कई कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ श्रम और रोजगार मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराई है। कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने बिना उचित मुआवजा दिए उन्हें ‘अवैध तरीक से नौकरी से बर्खास्त’ किया है। मनीकंट्रोल ने मंत्रालय के समाधान पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायत की एक कॉपी देखी है, जिसे संबंधित अधिकारी ने स्वीकार किया है। 1 से 12 जून के बीच दर्ज कराई गई इन शिकायतों के मुताबिक, कर्मचारियों ने पेटीएम मैनेजमेंट पर अनुचित और अनैतिक बर्खास्तगी का आरोप लगाते हुए अपनी नौकरी की बहाली की मांग की है।
कर्मचारियों ने अपने आवेदन में कई ईमेल और डॉक्यूमेंट्स को सबूत के रूप में पेश किया है, जिससे उनका दावा और मजबूत हो सके। हालांकि मनीकंट्रोल स्वतंत्र रूप से कर्मचारियों की ओर से दर्ज कराई गई ऐसी शिकायतों की कुल संख्या की पुष्टि नहीं कर सका, लेकिन कुछ कर्मचारियों का दावा है कि यह संख्या 50 तक हो सकती है।
निकाले गए कर्मचारियों में से एक ने कहा, “”हम मंत्रालय से जवाब का इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि वे इस मामले को उठाएंगे। अगर संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई, तो हम कोर्ट का रास्ता अपनाएंगे।” उन कर्मचारियों में से एक ने कहा, जिन्होंने शिकायत किया है कि उन्हें बिना किसी मुआवजे या उचित कारण के नौकरी से निकाल दिया गया।
बता दें कि RBI की ओर से पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले के बाद, कंपनी इस समय अपने कारोबार को बड़े पैमाने पर रिस्ट्रक्चर कर रही है। इसी के तहत कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी भी की है।
पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने बीते 22 मई को शेयरधारकों को लिखे एक लेटर में बताया था कि कंपनी अब अपने कोर बिजनेसों पर फोकस करेगी और लागत को कम करने पर ध्यान देगी। इसी लेटर से पेटीएम में छंटनी शुरू होने का संकेत मिला था।
शर्मा ने लेटर में कहा कि टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विसेज में निवेश के कारण कंपनी की कर्मचारी लागत पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है। ऐसे में कंपनी फर्म कर्मचारी लागत में कटौती के लिए कदम उठाएगी। शर्मा ने कहा था कि इन उपायों से सालाना 400-500 करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है।