Vedanta share price: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता के शेयरों पर गुरुवार को निवेशक टूट पड़े। सप्ताह के चौथे दिन यह शेयर करीब 7 फीसदी चढ़कर 478.80 रुपये प्रति शेयर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। बता दें कि मई महीने में शेयर की कीमत 506.85 रुपये तक पहुंच गई। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है। शेयरों में यह तेजी कंपनी के बोर्ड की बैठक के नतीजे के बाद आई है। दरअसल, कंपनी ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के माध्यम से 1,000 करोड़ रुपये फंड जुटाने को मंजूरी दी है। वेदांता ने कहा कि एनसीडी को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध किया जाएगा।
दो अरब डॉलर निवेश की योजना
हाल ही में वेदांता समूह की कंपनी वेदांता सेसा गोवा ने कहा कि उसकी शाखा वेस्टर्न क्लस्टर लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) पश्चिम अफ्रीकी देश लाइबेरिया के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए दो अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है।
डब्ल्यूसीएल, ब्लूम फाउंटेन लिमिटेड के पूर्ण-स्वामित्व वाली शाखा है, जो वेदांता लिमिटेड के पूर्ण-स्वामित्व वाली सब्सिडयरी है। वेदांता सेसा गोवा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन जाजू के मुताबिक हमारा लक्ष्य लाइबेरिया की आर्थिक क्षमता को समर्थन देना और संचालन विस्तार के जरिए रोजगार के अवसर पैदा कर स्थानीय समुदायों को मजबूत बनाना है।
कंपनी के बारे में
आपको बता दें कि वेदांता लिमिटेड एक माइनिंग कंपनी है, जिसका मुख्य परिचालन गोवा, कर्नाटक, राजस्थान और ओडिशा में लौह अयस्क, सोना और एल्यूमीनियम खदानों में है। कंपनी की स्थापना 1965 में अनिल अग्रवाल के पिता द्वारका प्रसाद अग्रवाल ने की थी। अनिल अग्रवाल की गिनती देश के बड़े अरबपतियों में होती है कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। वेदांता की फाइनेंशियल स्थिति की बात करें तो मार्च तिमाही में अपने नेट प्रॉफिट में 27.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की।
वेदांता ने FY24 की मार्च तिमाही में 1,369 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया, जो FY23 की मार्च तिमाही के 1,881 करोड़ रुपये से कम है। इस अवधि के लिए शुद्ध बिक्री साल-दर-साल (Y-o-Y) आधार पर 6.1 प्रतिशत गिरकर 34,937 करोड़ रुपये हो गई।