मध्य प्रदेश आबकारी विभाग ने सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रूअरीज की भोपाल यूनिट में इस हफ्ते की शुरुआत में चाइल्ड लेबर की खबरें सामने आने के बाद उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया है। आबकारी विभाग की अधिसूचना के अनुसार मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक बचाव अभियान चलाया गया, जिसमें शराब फैक्ट्री से 39 नाबालिग लड़के और 20 नाबालिग लड़कियां काम करते पाए गए। विभाग ने आगे कहा कि नाबालिगों को सोम डिस्टिलरीज की एक यूनिट द्वारा पुलिस वेरिफिकेशन के बिना नियुक्त किया गया था।
बता दें कि Som Distilleries के शेयरों में आज 0.84 फीसदी की गिरावट आई है और यह स्टॉक BSE पर 115.90 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी के शेयरों में 18 जून को 16 फीसदी तक की गिरावट देखी गई थी।
Som Distilleries का बयान
19 जून को एक्सचेंज फाइलिंग में सोम डिस्टिलरीज ने कहा कि यह मामला एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से संबंधित हैं, जो लिस्टेड एंटिटी की सहयोगी है। सहयोगी कंपनी मुख्य रूप से देशी शराब का कारोबार करती है। फाइलिंग में यह भी कहा गया है कि किसी भी विभाग ने लिस्टेड कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। यह निलंबन 20 दिनों की अवधि के लिए या गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए श्रम विभाग की मंजूरी तक, जो भी बाद में हो, तक रहेगा।
क्या है पूरा मामला
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बचपन बचाओ आंदोलन (BBA) के साथ मिलकर बीते शनिवार को सोम डिस्टिलरी पर कार्रवाई की थी। BBA ने बताया कि NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक टीम ने सोम डिस्टिलरी से 59 बच्चों को बचाया, जिनमें 20 लड़कियां और 39 लड़के शामिल हैं।
इसने कहा, ‘‘बच्चों के हाथों में हानिकारक रसायन और एल्कोहल से जलने के निशान थे। नियोक्ता इन बच्चों को रोजाना स्कूल बस में भेजता था और उनसे प्रतिदिन 12-14 घंटे काम कराया जाता था।’’ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह एक गंभीर मामला है। यादव ने लिखा, ‘‘ श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग से विस्तृत जानकारी ली तथा उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’ सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रूअरीज आईएसओ प्रमाणित कंपनियों का ग्रुप है जो बीयर, IMFL (भारत निर्मित विदेशी शराब) और RTD पेय पदार्थ का उत्पादन और आपूर्ति करती है।