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शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों ने अक्सर ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में सुना होगा. आजकल यह काफी लोकप्रिय हो रहा है और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF बाजार में लांच कर रही हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ETF है क्या और यह कैसे काम करता है.
जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है ETF किसी एक्सचेंज के साथ ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है. वैसे तो यह एक तरह का म्यूचुअल फंड ही है, जिसमें कई तरह के डेट विकल्पों और बांड का बंच होता है. लेकिन म्यूचुअल फंड और ETF में बेसिक अंतर ये है कि इसे सिर्फ स्टॉक एक्सचेंज से ही खरीदा या बेचा जा सकता है. एक निवेशक के रूप में जैसे आप एक्सचेंज पर कारोबार के दौरान शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं, उसी तरह ETF में भी कारोबारी घंटों के दौरान ही ट्रेडिंग हो सकती है.
कैसे काम करता है ETF
आपको पता है कि भारत में दो एक्सचेंज ट्रेडिंग कराते हैं, बीएसई और एनएसई. इन दोनों एक्सचेंज का जैसा प्रदर्शन रहेगा, ETF भी उसी अनुपात में अपने निवेशकों को रिटर्न देते हैं. यानी अगर एक्सचेंज पर गिरावट आई तो पूरे ईटीएफ पर असर पड़ेगा. ETF में सिर्फ इक्विटी ही नहीं बल्कि डेट विकल्पों के भी तमाम फंड शामिल होते हैं. 2021 में बीएसई और एनएसई ने बड़ी बढ़त बनाई थी, जिससे ETF में निवेश करने वालों को भी बंपर मुनाफा हुआ था. ETF में स्टॉक्स और फंड के अलावा गोल्ड भी शामिल होता है.
इस तरह, अगर आप फिजिकल रूप में सोना नहीं खरीदना चाहते और सोने निवेश का फायदा भी लेना चाहते हैं तो ETF बेहतर विकल्प बन सकता है. गोल्ड ETF में निवेश पिछले कुछ समय से तेजी से बढ़ रहा, जिसका बड़ा कारण इसमें जोखिम कम होना है. ETF का एक्सपेंस रेशियो काफी कम (0.6 फीसदी के आसपास) होता है, जिससे यह बेहतर निवेश विकल्प बन जाता है.
एक बेहतर ईटीएफ कैसे चुनें
-ETF के लिए सबसे जरूरी पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है, क्योंकि रिटर्न इसके प्रदर्शन पर आधारित होता है.-ETF में सिर्फ इक्विटी के बजाए सभी एसेट क्लास होने चाहिए, जिसमें बांड, सिक्योरिटीज और गोल्ड भी शामिल है.-निवेशकों को लिक्विडिटी, लो एक्सपेंस रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए.-ETF के चुनाव में लो ट्रैकिंग एरर महत्वपूर्ण फैक्टर है, जिससे इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न का अंतर कम करने में मदद मिलती है.
भारत में तेजी से बढ़ रहा ETF में निवेश
देश के भीतर पिछले पांच साल में ETF का एयूएम 65 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ा है. वित्तवर्ष 2015-16 में जहां कुल एयूएम में ETF की हिस्सेदारी 2 फीसदी थी, वहीं यह 2020-21 में बढ़कर 10 फीसदी हो गई. ETF में सबसे ज्यादा निवेश ईपीएफओ जैसे संस्थागत निवेशकों का है. भारत ही नहीं दुनियाभर में ETF लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि पिछले 10 साल में ग्लोबल मार्केट में ETF का सीएजीआर 19 फीसदी की दर से बढ़ा है.
ETF list
Nippon ETF Nifty BeES (NIFTYBEES)
Kotak NV 20 ETF (NV20)
Kotak Nifty IT ETF (KOTAKIT)
HDFC NIFTY200 Momentum 30 (HDFCMOMENT)
Nippon ETF PSU Bank BeES
UTI S&P BSE Sensex ETF
Motilal MOSt Oswal Midcap 100 ETF
Nippon ETF Infra BeES
ICICI Pru Midcap Select ETF
UTI NIFTY Bank ETFETF
Nippon ETF Junior BeES
SBI – ETF Nifty Next 50
Mirae Asset Nifty Next 50 ETF
Nippon ETF Dividend Opportunities
Motilal Oswal NASDAQ 100 ETF
ICICI Pru S&P BSE 500 ETF
Nippon ETF Consumption
Edelweiss ETF – NQ30
ICICI Prudential NV20 ETF
SBI – ETF BSE 100
LIC MF ETF – Nifty 100
ICICI Prudential Nifty 100 ETF
Nippon ETF Nifty 100
SBI Nifty IT ETF
Nippon ETF Shariah BeES
ABSL Nifty ETF
ICICI Prudential Nifty ETF
Mirae Asset Nifty 50 ETF
HDFC Nifty 50 ETF
Motilal MOSt Oswal M50 ETF
Invesco India Nifty ETF
Bandhan Nifty 50 ETF ETF
SBI – ETF Nifty 50
Quantum Nifty ETF (G)
Kotak Nifty ETF
LIC MF ETF – CNX Nifty 50
Edelweiss ETS – Nifty (Nifty EES)
Can Gold Exchange Traded Fund
Nippon ETF Sensex
SBI – ETF Sensex
LIC MF ETF – Sensex
Kotak Sensex ETF
Edelweiss ETS – Banking
Nippon ETF Bank BeES
SBI – ETF Nifty Bank
Kotak Banking ETF
HDFC Gold Exchange Traded Fund
Nippon ETF Long Term Gilt
LIC G-Sec LTE Fund – RP (G)
SBI-ETF 10Y Gilt
IDBI Gold Exchange Traded Fund
Axis Gold ETF
Invesco India Gold ETF
ICICI Prudential Gold ETF
UTI Gold Exchange Traded Fund
Kotak Gold ETF
Nippon ETF Gold BeES
Birla Sun Life Gold ETF (G)
SBI – ETF Gold
Quantum Gold Fund
Nippon ETF Liquid BeES
Nippon Close Ended Eqty-Sr-A (G)
Nippon ETF Hang Seng BeES
HDFC Sensex ETF
R*Shares Gold ETF