भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को रिलायंस समूह की कंपनी वायकॉम19 और स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SIPL) के विलय को मंजूरी देने में अभी और वक्त लग सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘स्टार इंडिया (Star India) और वायकॉम18 के विलय की मंजूरी में अभी वक्त लगेगा क्योंकि उन्होंने फॉर्म 2 भरा है, जिसके लिए विस्तृत अध्ययन की जरूरत होगी।’ हालांकि, खबर प्रकाशित होने तक रिलायंस, स्टार इंडिया और सीसीआई को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया था।
केएस लीगल ऐंड एसोसिएट्स की मैनेजिंग पार्टनर सोमन चंदवानी ने कहा, ‘फॉर्म 2 जटिल विलय प्रक्रियाओं का आकलन करने के लिए सीसीआई द्वारा जरूरी एक विस्तृत अधिसूचना फॉर्म है, जो बाजार प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकता है। सरल फॉर्म 1 के विपरीत फॉर्म 2 विलय करने वाली कंपनियों, बाजार संरचना और संभावित प्रतिस्पर्धी प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी मांगता है।’
चंदवानी ने कहा कि फॉर्म 2 की समीक्षा में शामिल विस्तृत जांच से यह सुनिश्चित होत है कि सीसीआई विलय के प्रभाव का पूरी तरह से मूल्यांकन कर सकता है, जिसके विश्लेषण के लिए काफी समय की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा, ‘इस प्रक्रिया में बाजार गतिशीलता, संभावित प्रतिस्पर्धा विरोधी परिणाम और समग्र उपभोक्ता की जांच शामिल होती है। स्टार इंडिया और वायकॉम18 के विलय को मंजूरी देने में हो रही देरी से यह पता चलता है कि सीसीआई निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और सुरक्षा एवं एकाधिकारवादी प्रथाओं को रोकने के लिए कितनी परिश्रम कर रहा है।’
इस साल फरवरी में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Viacom18) और द वॉल्ट डिज्नी कंपनी (Disney) ने वायकॉम18 और स्टार इंडिया के कारोबारों को मिलाकर एक संयुक्त उद्यम बनाने के लिए बाध्यकारी समझौता करने की घोषणा की थी।