नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी IIFL फाइनेंस को सेकंडरी मार्केट के माध्यम से NSE के 84.7 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचने की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने इस बारे में शेयर बाजारों को बताया कि इस बिक्री के लिए NSE से मंजूरी मिल गई है। इस साल अप्रैल में IIFL फाइनेंस ने FIH मॉरीशस इनवेस्टमेंट्स से 284.40 करोड़ रुपये में NSE में 0.18% हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की।
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 15 जून को IIFL फाइनेंस के विशेष ऑडिट को खत्म कर दिया। कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो को लेकर सामने आईं महत्वपूर्ण चिंताओं के जवाब में आरबीआई ने कंपनी का विशेष ऑडिट शुरू किया था। ऑडिट 23 अप्रैल, 2024 को शुरू हुआ था। RBI के शुरुआती निरीक्षण में IIFL के गोल्ड लोन ऑपरेशंस में कई अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें वैधानिक सीमाओं से अधिक कैश डिसबर्सल और कलेक्शन, स्टैंडर्ड नीलामी प्रक्रिया का पालन न करना, सोने की शुद्धता व वजन की जांच और सर्टिफिकेशन में चूक, लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो में उल्लंघन और ग्राहक शुल्क में पारदर्शिता की कमी शामिल है।
मार्च 2024 तिमाही में मुनाफा 6% घटा
IIFL Finance ने मार्च 2024 तिमाही के लिए वित्तीय नतीजे जारी कर दिए हैं। जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में कंपनी की कुल कंसोलिडेटेड आय सालाना आधार पर 28 प्रतिशत बढ़कर 1,758.8 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 1,373.4 करोड़ रुपये थी। कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा मार्च 2024 तिमाही में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत घटकर 430.6 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 457.6 करोड़ रुपये था।
तिमाही के दौरान IIFL फाइनेंस का ग्रॉस एनपीए बढ़कर 2.3 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 1.8 प्रतिशत था। शुद्ध एनपीए 1.2 प्रतिशत रहा, जो मार्च 2023 तिमाही में 1.1 प्रतिशत था। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मार्च 2024 तिमाही में सालाना आधार पर गोल्ड लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 13 प्रतिशत और होम लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 26 प्रतिशत बढ़ा।