Brightcom Group Share: शुक्रवार यानी कल ब्राइटकॉम ग्रुप की ट्रेडिंग को बीएसई और एनएसई में सस्पेंड कर दिया गया। जिसकी वजह 6.5 लाख से अधिक रिटेल निवेशकों का पैसा फंस गया है। कंपनी पर यह कड़ा एक्शन एनएसई का मास्टर सर्कुलर ना मानने की वजह से लिया गया है। कंपनी की ट्रेडिंग को 15 मई को ही सस्पेंड करने का ऐलान किया गया था। लेकिन तब ब्राइटकॉम ग्रुप ने कहा था कि जल्दी ही इस पूरे मामले को वो ठीक कर लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जिसके बाद ये कड़ा एक्शन लिया गया है।
शुक्रवार को कंपनी के शेयर एक्टिव थे। बाजार बंद होने के समय पर ब्राइटकॉम का शेयर 4.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9.45 रुपये के लेवल पर बंद हुआ। ट्रेडिंग सस्पेंड होने की वजह से लाखों निवेशकों का पैसा फंस गया है। बता दें, कंपनी में प्रमोटर्स की कुल हिस्सेदारी 18.38 प्रतिशत है। जबकि रिटेल निवेशकों के पास 41.70 प्रतिशत हिस्सा है।
मार्च 2021 को कंपनी के शेयरों का भाव 5 रुपये के लेवल पर था। तब रिटेल निवेशकों की संख्या 63,310 थी। अगले एक महीने के दौरान कंपनी के शेयरों का भाव 121 रुपये के लेवल पर पहुंच गया। मार्च 2024 में यह 6.56 लाख हो गई।
क्यों आई Brightcom Group के ट्रेडिंग बंद करने की नौबत?
पिछले महीने 15 मई को ट्रेडिंग बंद करने की बात सामने आई थी। कंपनी को 11 जून तक वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी और तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित करने थे। लेकिन कंपनी सिर्फ तिमाही के नतीजे ही सार्वजनिक कर पाई। तीसरी तिमाही के नतीजे फिर घोषित नहीं किए गए। ना ही ब्राइटकॉम ग्रुप यह बता पाया कि कब वह तिमाही नतीजों का ऐलान करेगा। जिसका असर अब निवेशकों पर पड़ रहा है।
2022 में दिया गया था जांच का आदेश
ब्राइटकॉम ग्रुप के सामने समस्या तब खड़ी हुई तब सेबी ने मार्च 2022 में 2021 में जुटाए गए फंड की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया। कंपनी ने 870 करोड़ रुपये प्रीफ्रेंशियल इश्यू के जरिेए जुटाए थे। यह पैसा 82 निवेशकों से जुटाया गया था।