भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अब हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में भी उतरने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी की योजना किसी हेल्थ इंश्योरेंस फर्म को खरीदने की है। लाइवमिंट ने LIC के दो अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार के स्वामित्व वाली LIC ने 5 स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है और वह इनमें से किसी एक का अधिग्रहण करने पर विचार कर रही है।
इससे पहले LIC के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने भी बीमाकंपनी के हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में उतरने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा अवसर उपलब्ध होने पर हम अधिग्रहण का विकल्प तलाश सकते हैं। LIC को हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कदम रखने के लिए सरकार को मौजूदा बीमा कानून में संशोधन करना होगा।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी उम्मीदें हैं कि इंश्योरेंस एक्ट में संशोधन करके LIC को एक कॉम्प्रिहेंसिव लाइसेंस दिया जा सकता है। इंश्योरेंस एक्ट 1938 और इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के मौजूदा नियमों के मुताबिक, किसी बीमा कंपनी को एक इकाई के तौर लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस तीनों बेचने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव लाइसेंस नहीं दिया जा सकता है।
मोहंती ने कहा कि LIC के पास फायर और इंजीनियरिंग जैसे जनरल इंश्योरेंस में विशेषज्ञता नहीं है, लेकिन यह हेल्थ इंश्योरेंस कर सकता है। उन्होंने कहा, “इस पर आंतरिक तौर पर काम जारी है। हम हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अधिग्रहण का विकल्प तलाश सकते हैं।”
इससे पहले एक संसदीय समिति ने देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए LIC को एक कॉम्प्रिहेंसिव लाइसेंस जारी करने का सुझाव दिया था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता जयंत सिन्हा की अगुआई वाली समिति ने सरकार को बीमा कंपनियों के लिए कॉम्प्रिहेंसिव लाइसेंस का प्रावधान शुरू करने और कानून में जल्द से जल्द संशोधन करने का सुझाव दिया था।
इस बीच, LIC का हालिया मार्च तिमाही में शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर महज 2 फीसदी बढ़कर 13,763 करोड़ रुपये रहा। कंकनी ने कहा कि मार्च तिमाही के दौरान कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी से जुड़े प्रावधान करने के चलते उसके मुनाफे पर असर पड़ा। बीमा कंपनी ने एक साल पहले इसी तिमाही में 13,428 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था।