भारत एक बार फिर हांगकांग को पीछे छोड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार यानी इक्विटी मार्केट बन गया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में सूचीबद्ध सभी कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू शुक्रवार 14 जून को हांगकांग के स्टॉक मार्केट से अधिक हो गई। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, BSE में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन फिलहाल 5.18 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि हांगकांग का मार्केट कैपिटलाइजेशन 5.17 ट्रिलियन डॉलर है। इस समय अमेरिका 56.49 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार है। इसके बाद चीन 8.84 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ दूसरे और जापान 6.30 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ तीसरे स्थान पर है।
इससे पहले इसी साल 23 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार ने हांगकांग को पीछे छोड़ दिया है। लेकिन इसके बाद बाजार में आई गिरावट के चलते हांगकांग ने जल्द ही अपना चौथा स्थान वापस पा लिया था। अप्रैल के बाद से हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 12% से अधिक की तेजी आई है, जो जनवरी के निचले स्तर से लगभग 20% की उछाल है। यह बताता है कि हांगकांग इस समय एक बुल मार्केट में प्रवेश कर गया है।
इससे पहले चीन से जुड़ी आर्थिक चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों के कारण हांगकांग का शेयर बाजार लंबे समय तक दबाव में रहा था। हालांकि अब चीन की इकोनॉमी में मजबूती, सस्ते वैल्यूएशन और मेनलैंड चीन में निवेश बढ़ने सहित कई कारणों से हांगकांग स्टॉक मार्केट में फिर से जोश बढ़ दिया है। इसके अलावा, चीन ने हाल ही में रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 41 अरब डॉलर के सपोर्ट पैकेज का ऐलान किया था। इससे भी बाजार को बढ़ावा मिला है।
इस बीच, पिछले हफ्ते चुनाव नतीजों के बाद भारतीय बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 4 जून को चुनाव नतीजों के बाद बाजार में 6% से ज्यादा की गिरावट आई थी, लेकिन उसके बाद से यह फिर से उछलकर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप करीब पिछले एक हफ्ते में 32 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 432 लाख करोड़ रुपये ($5.18 ट्रिलियन) के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।