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रिटेल इनवेस्टर्स मार्केट को गिरने नहीं देंगे, जानिए HPCL, Arvind और Mankind Pharma क्यों सुर्खियों में हैं

स्टॉक मार्केट्स में पार्टी जारी है। लेकिन, बुल्स में थकान के संकेत दिख रहे हैं। अब भी यह माना जा रहा है कि लिक्विडिटी बढ़ रही है, जिससे महंगी वैल्यूएशन को लेकर कोई चिंता नहीं दिख रही। एनडीए की नई सरकार में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है। इसमें कोई दिक्कत नहीं दिखी। इससे मार्केट का भरोसा इस बात में बढ़ा है कि बीजेपी को सरकार चलाने में अपने सहयोगी दलों की तरफ से दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। आगे मार्केट पर दो चीजों का असर पड़ेगा। पहला, सरकार का फुल बजट। दूसरा, जून तिमाही में कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ। कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव की आशंका घटी है। बजट मिलाजुला रहने की उम्मीद है।

ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “उम्मीद है कि NDA सरकार का पूंजीगत खर्च आधारित ग्रोथ पर फोकस बना रहेगा। पीएलआई, रोड, पोर्ट्स, एविएशन, डिफेंस, रेलवे और ग्रीन एनर्जी सुर्खियों में रहेंगे। इसकी वजह यह है कि FY24 में फिस्कल डेफिसिट 0.20 फीसदी कम रहा। इस साल मानसून की बारिश अच्छी रहने की उम्मीद है। RBI से सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला है। किसान, ग्रामीण इलाकों, शहरी गरीब और मिडिल क्लास पर सरकार का फोकस बढ़ सकता है।” इस बीच, अमीर निवेशक खरीदारी करने में सावधानी बरत रहे हैं। लेकिन, वे बिकवाली भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि डायरेक्ट निवेश और म्यूचुअल फंडों की तरफ से आ रही लिक्विडिटी शेयरों की कीमतों को गिरने नहीं देगी।

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने Mankind Pharma का कवरेज शुरू किया है। उसने इस स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है। प्रिस्क्रिप्शन मार्केट में कंपनी की लीडरशिप पॉजिशन है। टियर 2 शहरों में कंपनी की अच्छी मौजूदगी है। कंपनी अपने स्ट्रॉन्ग एमआर नेटवर्क के जरिए नए मार्केट में पैठ बनाने की स्थिति में दिख रही है। बेयर्स की दलील है कि कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ काफी ज्यादा इंडियन मार्केट में फार्मा सेल्स पर निर्भर है। एमआर नेटवर्क पर ज्यादा निर्भरता का मतलब है कि कंपनी की ग्रोथ में उनकी प्रोडक्टविटी का बड़ा हाथ होगा।

कंपनी के सनतेज प्लांट में हड़ताल खत्म हो गई है। चौथी तिमाही में अच्छा प्रदर्शन आगे भी जारी रहने की संभावना है। टेक्सटाइल्स बिजनेस में मार्जिन बढ़ रहा है। कंपनी ने अपने कर्ज को नियंत्रण में रखा है। डेनिम और गारमेंट वॉल्यूम स्ट्रॉन्ग है। Arvind के मैनेजमेंट ने FY25 में 25 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ का गाइडेंस दिया है। बेयर्स की दलील है कि इनपुट्स कॉस्ट बढ़ने का असर कंपनी की मार्जिन ग्रोथ पर पड़ सकता है। कंपनी ने अपने सनतेज प्लांट में स्ट्राइक की वजह से 180-200 करोड़ रुपये के लॉस का अनुमान जताया है।

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