ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन का कहना है कि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर में डिमांड में अनिश्चितता बनी हुई है और सुधार के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं। एक्सपर्ट अंकुर रुद्र ने बताया कि इस सेक्टर ने 2-3 साल के आधार पर उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन किया है। हालांकि मीडियम से लॉन्ग टर्म के नजरिए से वे इस पर आशावादी हैं क्योंकि तकनीकी खर्च में मंदी आमतौर पर बहुत लंबे समय तक नहीं चलती है।
IT सेक्टर पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
रुद्र अच्छी ग्रोथ, हेल्दी डिविडेंड और बायबैक यील्ड वाली कंपनियों को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री पर दबाव का एक कारण इनसोर्सिंग है और यही इस सेक्टर पर दबाव बढ़ा रहा है। रुद्र का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अनिश्चितता की वजह रहे हैं, जो इस साल लगातार नरमी को बढ़ा रहा है। ब्याज दरों पर अनिश्चितता ने भी इस सेक्टर पर दबाव डाला है और बहुत सी कंपनियां इसे खर्च न करने की वजह बता रही हैं।
बता दें कि इंडियन आईटी सर्विस सेक्टर में लगातार दूसरे साल रेवेन्यू ग्रोथ में नरमी देखी जा रही है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का कहना है कि यूरोप और अमेरिका में टेक्नोलॉजी मद में खर्च में मामूली वृद्धि हुई है, जिसके कारण घरेलू आईटी सेवा कंपनियों के रेवेन्यू ग्रोथ में नरमी है।
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 में यह सेक्टर 5-7 फीसदी की दर से बढ़ेगा, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में छह फीसदी की वृद्धि हुई। इस इंडस्ट्री का कुल साइज 250 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया है और यह 50 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।