शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। एक सीनियर सरकारी अफसर ने यह जानकारी दी। विनिवेश के लिए महाराष्ट्र सरकार की तरफ से स्टैंप ड्यूटी से छूट मिल गई है। दूसरा यह कि लोकसभा चुनाव और नई सरकार बनने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अफसर ने कहा कि एससीआई के विनिवेश में अब देरी नहीं होगी। लोकसभा चुनावों की वजह से इसमें थोड़ी देर हुई थी। महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट पहले ही इस डीमर्जर को स्टैंप ड्यूटी से छूट दे चुकी है। महाराष्ट्र में एससीआई बिल्डिंग अब इसकी डीमर्ज्ड एनटिटी शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स (एससीआईएलएएल) के पास होगी।
महाराष्ट्र सरकार से करीब 300 करोड़ रुपये की स्टैंप ड्यूटी की छूट मिल जाने से विनिवेश की प्रक्रिया आसान हुई है। 19 मार्च को SCILAL की लिस्टिंग के बाद SCI के विनिवेश के लिए फाइनेंशियल बिड आमंत्रित करने का रास्ता आसान हो गया। अनुमान है कि Shipping Corp (SCI) में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को करीब 3000 करोड़ रुपये मिलेंगे। CILAL की स्थापना नवंबर 2021 में हुई थी। इसे एससीआई के नॉन-कोर एसेट्स को सुरक्षित बनाए रखने के लिए बनाया गया था। एससीआई मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग और वाटरेवज के तहत आती है।
SCI के रियल एस्टेट एसेट्स में शिपिंग हाउस और एक मैरीटाइम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शामिल हैं। दोनों मुंबई में हैं। शिपिंग हाउस 19 मंजिल की इमारत है। इस डीमर्जर के बाद सरकार एससीआई के कोर शिपिंग बिजनेस में हिस्सेादरी बेचेगी। इससे संभावित खरीदारी के लिए एससीआई का आकर्षण बढ़ जाएगा। यूनियन कैबिनेट ने एससीआई में रणनीतिक हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को नवंबर 2020 में मंजूरी दे दी थी।
SCI के पास 70 जहाज हैं। यह इंडिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी है। यह देश और विदेश में माल ढुलाई की सुविधा देती है। SCI के शेयरों में 12 जून को शानदार तेजी देखने को मिली। कंपनी का स्टॉक 11:50 बजे 6.15 फीसदी के उछाल के साथ 261 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। बीते छह महीने में यह स्टॉक 65 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। बीते एक महीने में इसका रिटर्न करीब 29 फीसदी रहा है।