बजाज फाइनेंस की सब्सिडियरी कंपनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड जल्द ही इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने IPO लाने के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) यानी पेपर्स फाइल किए हैं।
इस IPO के जरिए कंपनी 7,000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इस बात की जानकारी बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। कंपनी के DRHP के अनुसार, बजाज हाउसिंग फाइनेंस के प्रस्तावित IPO में 4,000 करोड़ रुपए तक के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू होगा। इसके अलावा पेरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस अपने बजाज हाउसिंग फाइनेंस के 3,000 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयर्स को ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचेगी।
फंड का यूज कंपनी फ्यूचर कैपिटल रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने के लिए करेगी
फ्रेश इश्यू से जुटाए गए फंड का यूज कंपनी अपने कैपिटल बेस को बढ़ाकर फ्यूचर कैपिटल रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने के लिए करेगी। बजाज हाउसिंग फाइनेंस अपने शेयरों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का पालन करने के लिए बेच रही है। RBI के नियमों के तहत सितंबर 2025 तक अपर-लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड होना जरूरी है।
यही वजह है कि आधार हाउसिंग फाइनेंस और इंडिया शेल्टर फाइनेंस को हाल ही में स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड किया गया है। बजाज हाउसिंग फाइनेंस सितंबर 2015 से नेशनल हाउसिंग बैंक के साथ रजिस्टर्ड एक नॉन-डिपॉजिट राशि लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। यह रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी को खरीदने और रेनोवेट करने के लिए फाइनेंशियल सॉल्यूशंस प्रोवाइड करती है।
RBI ने बजाज फाइनेंस को अपर-लेयर NBFC की कैटेगरी में रखा है
RBI ने बजाज फाइनेंस को अपर-लेयर NBFC की कैटेगरी में रखा है। यह होम लोन, प्रॉपर्टी के खिलाफ लोन, लीज रेंटल डिस्काउंटिंग और डेवलपर फाइनेंसिंग समेत कई मॉर्गेज प्रोडक्ट्स ऑफर करती है। हाउसिंग लेंडर ने वित्त वर्ष 24 के लिए 1,731 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 23 के 1,258 करोड़ रुपए से 38% ज्यादा है। बजाज फाइनेंस के बोर्ड ने 6 जून को बजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO में 3,000 करोड़ रुपए के शेयरों की सेल को मंजूरी दी थी।
RBI ने 14 सितंबर को NBFCs की लिस्ट का ऐलान किया था
RBI ने 14 सितंबर को साल 2023-24 के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी यानी NBFCs की लिस्ट का ऐलान किया था। RBI ने स्केल बेस्ड रेगुलेशन के तहत इस अपर लेयर NBFCs की लिस्ट में 15 कंपनियों को शामिल किया था। इस लिस्ट में LIC हाउसिंग फाइनेंस टॉप पर है। वहीं बजाज फाइनेंस दूसरे, श्रीराम फाइनेंस तीसरे और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड चौथे नंबर पर शामिल है।
NBFCs सेक्टर के बढ़ते साइज और उससे जुड़े रिस्क के दूसरे सेक्टर पर बढ़ते असर को देखते हुए रिजर्व बैंक ने NBFC के लिए अक्टूबर 2022 से नए नियमों को जारी किया था। इसमें साइज और कारोबार के हिसाब से NBFC की 4 कैटेगरी बनाई गई हैं।
कैटेगरी का उद्देश्य कंपनी के विस्तार के साथ उसके लिए आवश्यक नियमों को बढ़ाना है। आसान भाषा में कहें तो इनमें से NBFCs-अपर लेयर के नियम करीब-करीब वैसे हैं, जैसे बैकों के लिए दिए हैं। नियमों के मुताबिक, देश की टॉप-10 NBFCs इस लिस्ट में बनी रहती हैं और इनके अलावा रिजर्व बैंक और किसी कंपनी को चाहे तो इसमें शामिल कर सकता है।