Bihar-based Stocks: इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे मिले-जुले आए और किसी एक राजनीतिक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया। ऐसे में तीसरी बार पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी के गठबंधन एनडीए की सरकार बनाने में सहयोगी दलों की भूमिका अहम हो गई। इसका असर स्टॉक मार्केट पर भी दिख रहा है। जैसे कि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी सरकार में शामिल है और उनसे जुड़े हेरिटेज फूड्स और अमारराजा एनर्जी एंड मोबिलिटी के शेयर रॉकेट बने हुए हैं। अब एनडीए में एक और अहम घटक जदयू की बात करें तो इसके मुखिया नीतीश कुमार की भूमिका भी काफी अहम है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नायडू स्टॉक्स की तरह कोई कुमार स्टॉक्स भी है?
Bihar-based Stocks: इन शेयरों पर है नजरें
चूंकि इस बार नीतीश कुमार की भूमिका केंद्र की सरकार में काफी अहम है तो माना जा रहा है कि बिहार को केंद्र से कई सौगातें मिल सकती हैं। यहां कैपिटल एक्पसेंडिचर बढ़ता है या रोजगार के मौके बढ़ते हैं तो जो कंपनियां यहां कारोबार कर रही हैं, उन्हें फायदा मिल सकता है। हालांकि एक अहम तथ्य ये है कि बिहार में एक भी मैनुफैक्चरिंग यूनिट ऐसी नहीं है जो मार्केट में लिस्टेड हो। लेकिन ऐसा नहीं है कि मैनुफैक्चरिंग में बिहार की कोई भूमिका नहीं है। भूमिका है जैसे कि वेदांता के अनिल अग्रवाल, अरिस्टो फार्मा के महेंद्र प्रसाद और एल्केम फार्मा के संपदा सिंह की जड़ें बिहार से हैं लेकिन इन कंपनियों के ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इनकी एक भी मैनुफैक्चरिंग यूनिट बिहार में नहीं हैं।
अब बिहार में कारोबार कर रही लिस्टेड कंपनियों की बात करें तो एक बड़ा नाम उभरकर सामने आता है-आदित्य विजन। आदित्य विजन के शेयर चुनावी नतीजे के बाद से करीब 18 फीसदी उछल चुके हैं। 2016 में इसके शेयर BSE SME पर लिस्ट हुए थे और आईपीओ निवेशकों को महज 15 रुपये में जारी हुए थे। अब यह मेनबोर्ड यानी BSE का हिस्सा बन चुका है और फिलहाल 3695.90 रुपये के भाव पर है। इसका कारोबार बिहार के साथ-साथ यूपी और झारखंड में भी फैला हुआ है और यह इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की खुदरा बिक्री करती है। इसके कारोबार की शुरुआत 1999 में पटना से एक स्टोर से हुई थी।
आदित्य विजन के अलावा और भी कुछ दिग्गज कंपनियों का कारोबार बिहार में फैला हुआ है जैसे कि वी2 रिटेल। वी2 रिटेल की वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक बिहार में इसके 27 स्टोर्स हैं। वी2 रिटेल का पहला स्टोर बिहार से अलग होकर करीब 24 साल पहले बने राज्य झारखंड के जमशेदपुर में खुला था। इसके शेयरों की बात करें तो नतीजे के बाद से इसके शेयर 4 जून को लोअर सर्किट पर आने के बाद से लगातार तीन दिनों की तेजी में 16 फीसदी उछलकर 564.80 रुपये पर पहुंच चुका है।
सरकार बनाने में इन पार्टियों की भूमिका है अहम
बीजेपी के गठबंधन एनडीए को सरकार चलाने के लिए बहुमत मिला है और इस बार सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू की भूमिका काफी अहम हो गई है। नीतीश कुमार की बात करें उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) यानी जदयू को 12 सीटें हासिल हुई हैं और पार्टी ने 16 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे। बीजेपी की बात करें तो इसने 240 सीटें हासिल की हैं जो 272 के बहुमत आंकड़े से 72 पीछे है। ऐसे में जदयू की 12 सीटों के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू के टीडीपी की 16 सीटों, एकनाथ सिंदे के शिवसेना की 7 और चिराग पासवान के लोक जनशक्ति पार्टी-राम विलास की 5 सीटों के साथ बीजेपी को गठबंधन बनाकर सरकार बनाने के लिए दावा पेश करना पड़ा।