स्टॉक मार्केट में 4 जून की गिरावट के बाद अच्छी रिकवरी दिखी है। बुल्स की स्ट्रेंथ लौटती दिख रही है। सवाल है कि इसकी वजह क्या है? कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ शुरुआती दिक्कतों के बाद गठबंधन सरकार चलाने में दिक्कत नहीं आएगी। एनडीए के सहयोगी दलों को बीजेपी की उतनी ही जरूरत है जितनी बीजेपी को उनकी जरूरत है। उधर, कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ पर इस बात का असर पड़ने वाला नहीं है कि केंद्र में किसकी सरकार है। घरेलू निवेश बहुत अच्छा है, जिससे मार्केट में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी। विदेशी निवेशकों की मुख्य चिंता वैल्यूएशन रही है।
पेज इंडस्ट्रीज के शेयरों में लगातार चौथे दिन तेजी रही। इस हफ्ते यह स्टॉक 8 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है। बुल्स का दावा है कि कंपनी ने प्राइसिंग प्रेशर और सेल्स वॉल्यूम में गिरावट के बावजूद मार्जिन बनाए रखने में कामयाब रही है। मैनेजमेंट ने बताया है कि मार्च तिमाही से चीजें बेहतर दिख रही हैं। इस ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है। उधर, बेयर्स का कहना है कि वॉल्यूम में अच्छा इम्प्रूवमेंट आने में एक से दो तिमाही लग सकते हैं। ब्रोकरेज फर्म एसएमआईएफएस ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है।
आईटीसी के शेयरहोल्डर्स ने होटल बिजनेस के डीमर्जर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंजम्प्शन स्टॉक्स की चमक लौटती दिख रही है। कुछ समय से ITC के स्टॉक्स में कंसॉलिडेशन दिखा है। लीफ टुबैकों की कीमतें 20 फीसदी बढ़ी हैं। अगर कीमतें और बढ़ती हैं तो इसका असर FY25 में कंपनी के मार्जिन पर पड़ सकता है। पूर्ण बजट में एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के अनुमान से स्टॉक्स की कीमतें दबाव में रह सकती हैं।
टीडीपी का प्रदर्शन लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा चुनावों में शानदार रहा है। इसका असर Heritage Foods के स्टॉक्स पर पड़ा है। इसकी वजह यह है कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबु नायडू के बेटे और बहू इस कंपनी के प्रमोटर्स हैं। कंपनी ने हर साल 2000 कलेक्शन सेंटर ओपन कपने का प्लान बनाया है। ये गांव के स्तर पर खोले जाएंगे। कंपनी ने मार्च तिमाही में ओडिशा के मार्केट में एंट्री ली थी। उसका प्लान कुछ और राज्यों में एंट्री की है। बेयर्स का कहना है कि इस स्टॉक में हाल में जबर्दस्त तेजी आई है। इससे इसमें कुछ स्पेकुलेटिव पॉजिशन बन गई है। घरेलू संस्थागत निवेशक इस स्टॉक में अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं।
कंपनी ने चीन की कंपनी इनोवांस ऑटोमोटिव के साथ एक समझौता किया है। इसका मकसद इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर के पोर्टफोलियो को बढ़ावा देना है। नए ऑर्डर हासिल करने में कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। ब्रोकिंग फर्म केआईई ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है। उसने कहा है कि इलेक्ट्रिफिकेशन का ट्रेंड बढ़ रहा है। मार्केट में नए ईवी प्रोडक्ट्स आ रहे हैं। इससे मीडियम और लॉन्ग टर्म में कंपनी की ग्रोथ की अच्छी संभावना दिख रही है।