जानेमाने मार्केट एक्सपर्ट शंकर शर्मा का कहना है कि निवेशकों को अगले कुछ ट्रेडिंग सेशन तक बाजार से दूर रहना चाहिए और फिलहाल बाजार की उठापटक को लेकर दबाव में आने की जरूरत नहीं है। मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि काफी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि फिस्कल डेफिसिट को लेकर सरकार का क्या रवैया है। उन्होंने कहा, ‘ फिस्कल डेफिसिट कम होने पर जीडीपी ग्रोथ रेट में बदलाव होगा। हालांकि, मार्केट को ग्रोथ पसंद है, चाहे फिस्कल मोर्चे पर हालत कैसी भी हो।’
शर्मा स्मॉलकैप शेयरों को लेकर बुलिश हैं और उनका कहना है कि इस सेगमेंट की बेहतर क्वॉलिटी वाली कंपनियों में 20-30 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘ स्मॉल कैप शेयर भारत में इक्विटी मार्केट्स का भविष्य हैं। लार्ज कैप इकोनॉमी की साइज के हिसाब से ज्यादा बड़े हैं।’ उन्होंने कहा कि बाजार कुछ समय के लिए नवर्स रहेगा। एनडीए की सरकार बनने की स्थिति में भी बीजेपी की हालत कमजोर रहेगी। इसका मतलब है कि कई नीतियों पर अमल नहीं हो पाएगा। इसके अलावा, बीजेपी की सहयोगी पार्टियां फिस्कल डेफिसिट को लेकर जारी पॉलिसी को लेकर सवाल उठा सकती हैं।
फिस्कल डेफिसिट क्यों मायने रखता है?
शर्मा ने कहा कि साल 2021 से हमारा फिस्कल डेफिसिट काफी ज्यादा यानी तकरीबन 5-6 पर्सेंट रहा है, जबकि पहले यह 3-3.5 पर्सेंट था। नई सरकार को यह फैसला करना होगा कि इस हाई फिस्कल डेफिसिट को बरकरार रखा जाए या इसे कम किया जाए। उनके मुताबिक, पिछले कुछ साल में भारत का बुल मार्केट हाई फिस्कल डेफिसिट पर आधारित रहा है, जिससे लिक्विडिटी पैदा होती है और बिजनेस ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। शर्मा ने कहा कि स्टॉक मार्केट को ग्रोथ चाहिए, फिस्कल हालत चाहे कैसी भी रहे।
क्या इक्विटी मार्केट की परफॉर्मेंस मजबूत बनी रहेगी?
शंकर शर्मा का कहना था कि उनका दांव किसी पार्टी पर नहीं, बल्कि किसी देश पर होता है। उन्होंने कहा कि सत्ता में जो भी पार्टी रहे, भारत की ग्रोथ जारी रहेगी। यहां तक पिछली गठबंधन सरकारों ने भी इक्विटी मार्केट के रिटर्न, फिस्कल मैनेजमेंट और जीडीपी ग्रोथ के मामले में शानदार नतीजे दिए हैं। लिहाजा, यहां निराश होने की जरूरत नहीं है।
मिड और स्मॉल कैप मार्केट से जुड़े रिटेल निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शर्मा के मुताबिक, निवेशकों को कुछ दिनों के लिए बाजार से छुट्टी ले लेनी चाहिए। उन्हें अगले कुछ दिनों के लिए अपनी शौकिया चीजों पर ध्यान लगाना चाहिए। उनका कहना था कि भारत में बुल मार्केट में स्मॉल कैप शेयरों की अहम भूमिका रही है और इसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं है, चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में रहे। बीच-बीच में चुनौतियां आ सकती हैं, जिसे अवसर के तौर पर देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मॉलकैप शेयरों को लेकर उनकी उम्मीद बरकरार है। उनके मुताबिक, अगर निवेशकों के पास कैश है, तो उन्हें करेक्शन की स्थिति में अच्छे स्मॉलकैप शेयरों की खरीदारी करनी चाहिए।