मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों को आज एक जून से मीडिया में आने वाली मार्केट से जुड़ी किसी भी गलत खबर या अफवाह की पुष्टि या खंडन करनी होगी। यह नियम एक दिसंबर से टॉप 250 कंपनियों के लिए लागू होगा। सेबी के नियमों के तहत इन कंपनियों को मेनस्ट्रीम मीडिया में बताई गई किसी भी असामान्य घटना या सूचना की पुष्टि, खंडन या स्पष्टीकरण 24 घंटे के भीतर करना होगा।
शेयर प्राइस में होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकना है मकसद
सेबी के अफवाहों के वेरिफिकेशन फ्रेमवर्क का मकसद इसकी वजह से शेयर प्राइस में होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकना है, जिससे सभी निवेशकों के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। एमएमजेसी एंड एसोसिएट्स के संस्थापक मकरंद एम जोशी ने कहा कि इस कदम से ऐसी सूचना लीक होने से रोकी जा सकेगी, जो किसी खास कॉरपोरेट एक्शन में वैल्यूएशन को प्रभावित करेगी।
बाजार की अफवाहें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव पैदा कर सकती हैं, जिससे अक्सर ऐसे लेन-देन होते हैं जो कंपनी की सही वैल्यू को नहीं दिखाते हैं। ये अफवाहें मैनेजमेंट में बदलाव, ऑर्डर रद्द होने या फाइनेंशियल हेल्थ से संबंधित हो सकते हैं।
जोशी ने कहा कि सेबी की यह पहल अफवाहों के वेरिफिकेशन फ्रेमवर्क को मजबूत करने और एक फेयर मार्केट हासिल करने में मदद करेगी। इससे भारत दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा बाजार बन जाएगा। बता दें कि इससे पहले जून 2023 में SEBI ने इन नियमों को नोटिफाई करते हुए मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर लिस्टेड कंपनियों को मीडिया में चल रही कंपनी से जुड़ी रिपोर्टों का खंडन या पुष्टि करने को कहा था। खुलासा नियमों के मुताबिक, इन कंपनियों को निवेशक वर्ग के बीच चल रही किसी सूचना का 24 घंटे के अंदर मुख्यधारा के मीडिया के जरिए खंडन या पुष्टि करना था।