पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) – विद्युत मंत्रालय के तहत एक महारत्न सीपीएसयू ने विभिन्न निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा कर सफल बोलीदाता के रूप में उभरने के उपरांत चरण-IV (7GW) भाग E2 के तहत गुजरात के खावड़ा क्षेत्र में संभावित नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजना के निर्माण के लिए दिनांक 30 मई 2024 को प्रोजेक्ट स्पेशल पर्पस व्हीकल खावड़ा IV-E2 पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड का अधिग्रहण किया है.
खावड़ा IV-E2 पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड गुजरात राज्य में मौजूदा सब-स्टेशन अर्थात् खावड़ा पूलिंग स्टेशन -2 के संवर्द्धन का कार्य किया जायेगा. इस संवर्द्धन कार्य में अन्य बातों के साथ संबंधित 765 केवी और 400 केवी लाइन बे का निर्माण तथा 4×1500 एमवीए 765/400 केवी आईसीटी की आपूर्ति और स्थापना शामिल है. यह परियोजना एक अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजना है और इसे 21 महीनों में कमीशन किया जाना है.
उक्त मौजूदा सब-स्टेशन को पावरग्रिड की पूर्ण स्वामित्व वाली एक अन्य सहायक कंपनी पावरग्रिड केपीएस2 ट्रांसमिशन सिस्टम लिमिटेड द्वारा ही कार्यान्वित किया जा रहा है. दोनों परियोजनाएं खावड़ा आरई पार्क में अतिरिक्त 6 गीगावॉट (संचयी 9 गीगावॉट) उत्पादन क्षमता के एकीकरण को सक्षम बनाएंगी. पावरग्रिड, टैरिफ आधारित बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल अपनी विभिन्न प्रोजेक्ट एसपीवी के माध्यम से निर्माण, स्वामित्व, संचालन और हस्तांतरण (बीओओटी) के आधार पर विभिन्न ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है.
ये परियोजनाएं हरित ऊर्जा को राष्ट्रीय ग्रिड तक पहुंचाने के लिए भारतीय ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाएंगी, जिससे वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सके. 30 अप्रैल 2024 तक पावरग्रिड द्वारा 1,77,790 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों, 278 उप-केंद्रों और 527,446 एमवीए की ट्रांफॉर्मेशन क्षमता को कमीशन कर संचालित किया जा रहा है.
नवीनतम तकनीकी उपकरणों व तकनीकों को अपनाने तथा स्वचालन और डिजिटल समाधानों के उन्नत उपयोग से पावरग्रिड 99.8% से अधिक की औसत ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता बनाए रखने में सक्षम रहा है.