लोकसभा चुनावों के नतीजों की घड़ी करीब आ गई है। 4 जून को रिजल्ट आ जाएंगे। इनवेस्टर्स इस मौके का फायदा उठाने के लिए स्ट्रेटेजी अपना रहे हैं। कुछ इनवेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो में बदलाव कर रहे हैं। कुछ इनवेस्टर्स नया निवेश कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि लगातार तीसरी बार BJP की जीत से स्टॉक मार्केट में बड़ी तेजी आएगी। कई एक्सपर्ट्स ने तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर मार्केट में उछाल आने का अनुमान जताया है। घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 28 मई और 29 मई को करीब 8,465 करोड़ रुपये निवेश किए।
चुनाव के नतीजों पर ज्यादा दांव लगाना ठीक नहीं
फाइनेंशियल प्लैनर्स का कहना है कि निवेशकों को लोकसभा चुनावों के नतीजों (Lok Sabha Elections Results) पर ज्यादा दांव लगाने से बचना चाहिए। उन्हें लंबी अवधि के निवेश पर फोकस करना चाहिए। मार्केट में एक बड़े वर्ग का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) लगातार तीसरी बार सरकार बनाएंगे। इससे बाजार में तेजी जारी रहेगी। कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर अगर NDA सरकार बनाने में नाकाम रहता है तो मार्केट में बड़ी गिरावट आ सकती है।
जल्द मुनाफा कमाने की कोशिश उल्टी पड़ सकती है
संस्थागत निवेशक और बड़े निवेशक रिजल्ट्स से पहले मार्केट पर अपनी स्ट्रेटेजी के हिसाब से दांव लगा रहे हैं। सवाल है कि रिटेल इनवेस्टर्स को किस तरह की स्ट्रेटेजी अपनानी चाहिए, जिससे उनके फाइनेंशियल गोल्स को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। सबसे पहले तो निवेशकों को जल्द मुनाफा कमाने के लिए ऐसे दांव लगाने से बचना चाहिए, जिससे नतीजे अनुमान से उलट आने पर उन्हें नुकसान का सामना नहीं करना पड़े।
चुनावी नतीजों का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं
हम फौजी एनिशिएटिव के सीईओ कर्नल संजीव गोविला (रिटायर्ड) ने कहा, “नतीजों और उसके बाद मार्केट में काफी उतारचढ़ाव दिख सकता है। कुछ सीमा तक चुनावी नतीजों का अनुमान लगाना मुमकिन है लेकिन उस पर करोड़ों निवेशकों की प्रतिक्रिया किस तरह की होगी, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है।” सेबी रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर देव आशीष ने भी इस बात से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों से पहले निवेशक ऐसी पॉजिशन बनाने की कोशिश करते हैं, जिससे नतीजों के बाद उन्हें फायदा हो। लेकिन, सच यह है कि चुनावी नतीजों का अंदाजा लाना मुमकिन नहीं है।
कुछ कैश का इस्तेमाल कर सकते हैं इनवेस्टर्स
गोविला ने कहा, “इनवेस्टर्स को उन स्टॉक्स और सेक्टर में स्ट्रेटेजिक इनवेस्टमेंट करना चाहिए जो बुनियादी रूप से मजबूत हैं और जिनके अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। उन्हें चुनावी नतीजों पर फोकस नहीं करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा वे अपने कुछ कैश का इस्तेमाल निवेश के लिए कर सकते हैं और रिजल्ट्स के बाद उसे बैलेंस कर सकते हैं।”
एसेट एलोकेशन बनाए रखने की सलाह
जोशी ने कहा कि इनवेस्टर्स को एसेट एलोकेशन को बनाए रखना चाहिए। अगर यह आपके कंफर्ट जोन से बाहर निकल गया है तो इसे रीबैलेंस करने की जरूरत है। यह समझने की जरूरत है कि सेंसेक्स के 75,000 तक पहुंचने के सफर में कोई एक सरकार सत्ता में नहीं रही है। केंद्र सरकार और उसकी पॉलिसीज मायने रखती है लेकन आपका अनुशासन, सेविंग्स और इनवेस्मेंट रेट्स और लंबी अवधि पर फोकस ऐसी चीजें हैं जो आपके नियंत्रण में हैं।