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गोल्ड में अभी खरीदारी करने पर प्रति 10 ग्राम 12,000 रुपये का मुनाफा हो सकता है, मोतीलाल ओसवाल ने दी खरीदारी की सलाह

अगर आप मोटा मुनाफा कमाने के लिए निवेश के मौके की तलाश में है तो आपको हर गिरावट पर सोना खरीदने की जरूरत है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने सोने में गिरावट पर खरीदारी करने की सलाह दी है। उसने कहा है कि घरेलू बाजार में करीब 69,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर सोने की खरीदारी की जा सकती है। कॉमेक्स पर करीब 2,250 डॉलर प्रति औंस पर निवेश किया जा सकता है। घरेलू बाजार में सोने का टारगेट 81,000 रुपये प्रति 10 ग्राम होगा जबकि विदेशी बाजार में 2,650 डॉलर प्रति औंस होगा।

ब्रोकरेज फर्म ने गोल्ड की अच्छी डिमांड को देखते हुए यह प्राइस टारगेट दिया है। जियोपॉलिटिकल टेंशन से गोल्ड का अट्रैक्शन बढ़ा है। 30 मई को स्पॉट गोल्ड 0.6 फीसदी गिरकर 2,325.73 डॉलर प्रति औंस था। 29 मई को इसमें 1 फीसदी गिरावट आई थी। अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.8 फीसदी गिरकर 2,323.40 डॉलर प्रति औंस था। इंडिया में गोल्ड की कीमतों में स्थिरता है। 20 कैरेट गोल्ड की कीमत 73,210 रुपये है। 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 67,110 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

गोल्ड की कीमतों में हालिया गिरावट की वजह डॉलर में 0.5 फीसदी मजबूती मानी जा रही है। इससे लोगों के लिए सोना खरीदना महंगा हो जाता है। केसीएम ट्रेड के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि निवेशक अब समझने लगे हैं कि हाई इंटरेस्ट का इनवायरमेंट लंबे समय तक बना रहेगा।” 20 मई को गोल्ड 2,449.80 डॉलर प्रति औंस के लेवल पर पहुंच गया था। तब से यह 100 डॉलर से ज्यादा गिर चुका है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के रुख से गोल्ड में गिरावट आई है। केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के मिनट्स से भी संकेत मिलता है कि 2 फीसदी इनफ्लेशन के टारगेट को हासिल करने में वक्त लग सकता है। अब ट्रेडर्स को सितंबर तक इंटरेस्ट रेट में कमी की संभावना 47 फीसदी ही दिख रही है। पहले यह संभावना 60 फीसदी थी। मोतीलाल ओसवाल में वीपी (कमोडिटी रिसर्च) नवनीत दमानी ने कहा कि जियोपॉलिटिकल टेंशन और अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े डेटा की वजह से गोल्ड का रिस्क प्रीमियम बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि इंडिया में शादियों के सीजन और त्योहारी मांग से गोल्ड की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि अब अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीद इस साल सितंबर तक दिख रही है। इसलिए तब तक सोने की चमक बढ़ती रहेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका मं इंटरेस्ट रेट में कमी में और देर हो सकती है।

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