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4 जून को बेचकर निकल जाना चाहते हैं? यह जान लीजिए कि नतीजों के बाद Sensex और Nifty ने तेजी दिखाई है

लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के तुरंत बाद मुनाफावसूली के बारे में सोच रहे हैं? अगर पिछले लोकसभा चुनावों के बाद मार्केट की चाल को देखा जाए तो आपकी स्ट्रेटेजी गलत हो सकती है। पहले के लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद अक्सर मार्केट में तेजी देखने को मिली है। पिछले पांच लोकसभा चुनावों के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी देखने को मिली थी। यह तेजी अगले छह महीनों तक जारी थी। पिछले तीन चुनावों में सूचकांकों में पहले के अंत तक तेजी दिखी।

नतीजों के बाद ज्यादातर बार चढ़ा है मार्केट

Moneycontrol ने चुनावों के नतीजों के एक महीने, तीन महीने और छह महीनों बाद Sensex और Nifty के प्रदर्शन का विश्लेषण किया है। इसके लिए पिछले पांच लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के बाद के डेटा लिए गए। अगर तीन महीनों के हिसाब से देखा जाए तो तीन बार सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी देखने को मिली, जबकि 2004 और 2019 में गिरावट देखने को मिली। अगर रिजल्ट के एक साल बाद के पीरियड को देखा जाए तो दो बार-1999 और 2019 में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखने को मिली थी। 2020 में आई गिरावट की वजह कोविड की महामारी थी।

इस बार चुनावों के दौरान मार्केट में आई जबर्दस्त तेजी

इस बार लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले मार्केट में गिरावट का अनुमान था। लेकिन, निफ्टी इस साल मई के अपने 19,800-20,000 के निचले स्तर से 22,000-23,000 तक पहुंच गया। बीएनपी पारिबा के शेयरखान में कैपिटल मार्केट स्ट्रेटेजिस्ट गौरव दुआ ने कहा कि इस बार चुनावों के नतीजों के बाद गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि, उनका मानना है कि स्टॉक्स से मुनाफा कमाने के लिए लोकसभा चुनावों के मौके का इंतजार करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार उतारचढ़ाव दिख सकता है, लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है।

लंबी अवधि के निवेश पर करें फोकस

दुआ का मानना है कि मार्केट में एक-दो बार 2-5 फीसदी की गिरावट दिख सकती है। इस बार मार्च में भी मार्केट में ऐसी गिरावट दिखी थी। इसलिए लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद मार्केट में उतरने की स्ट्रेटेजी का कोई फायदा नहीं है। जियोजित फाइनेंशियल के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट गौरांग शाह ने कहा कि निवेशकों को चुनाव के नतीजों पर ध्यान दिए बगैर लंबी अवधि के निवेश पर फोकस करना चाहिए। सिर्फ चुनाव के नतीजों के आधार पर निवेश के फैसले लेना समझदारी नहीं है।

लंबी अवधि में मार्केट का आउटलुक पॉजिटिव

उन्होंने कहा कि नतीजों के बाद शेयरों को बेचना कोई समझदारी नहीं है, क्योंकि चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हों लंबी अवधि में अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर BJP तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रहती है तो बाजार में तेजी आएगी। ऐसा नहीं होने पर गिरावट के आसार हैं। यह गिरावट लंबी अवधि के लिए अच्छे स्टॉक्स में निवेश का मौका होगा।

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