ITC Hotels’ demerger: अपना होटल कारोबार अलग करने के नामी FMCG कंपनी ITC के प्रस्ताव पर तीन भारतीय वोटिंग सलाहकार फर्में एक राय नहीं हो पाई हैं। इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (IIAS) ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की सिफारिश की है मगर इनगवर्न और स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विसेज (SES) ने इसका समर्थन करने की सलाह दी है। फिलहाल इस प्रस्ताव पर मतदान चल रहा है।
ITC के बोर्ड ने होटल कारोबार अलग करने की योजना को अगस्त 2023 में मंजूरी दी थी। उसके तहत सिगरेट बनाने वाली इस कंपनी के शेयरधारकों को हर 10 शेयर के बदले ITC होटल्स का 1 शेयर दिया जाना है। कारोबार अलग किए जाने के बाद नई कंपनी की 60 फीसदी हिस्सेदारी ITC के शेयरधारकों के पास और 40 फीसदी हिस्सेदारी ITC के पास होगी।
IIAS को विलय के बाद ITC होटल्स में 40 फीसदी हिस्सेदारी रखने के ITC के फैसले पर आपत्ति है। उसने एक नोट में कहा, ‘हालांक इससे 60 फीसदी तक शेयर बाहर आ जाएंगे मगर बतौर प्रवर्तक ईटीसी ही होटल कारोबार में पूंजी लगाती रहेगी।
बोर्ड ने यह साफ नहीं किया है कि होटल कारोबार में 40 फीसदी हिस्सेदारी का वह क्या करेगा – कंपनी उसे किसी विशेष खरीदार को बेचेगी या अपने पास ही रखेगी?’ उसने कहा है कि होटल चलाने में पूंजी बहुत अधिक लगती है और आय घटती-बढ़ती रहती है। हो सकता है आगे चलकर इसे अपनी प्रवर्तक ITC लिमिटेड से पूंजी की जरूरत पड़े।
यह भी नहीं पता है कि ब्रांड के इस्तेमाल के बदले शुल्क के बारे में ITC ओर होटल कारोबार के बीच क्या बात हुई है।
ITC ने IIAS को जवाब देते हुए कहा है, ‘स्पष्ट कर दें कि अगर ITC प्रस्तावित कंपनी के शेयर अपने पास नहीं रखती है तो वह कंपनी ITC के ब्रांड का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएगी और न ही उस नाम से जुड़ी साख का फायदा अपने होटल कारोबार में कर पाएगी। इससे उसके शेयरधारकों को नुकसान हो सकता है।’
IIAS की सिफारिश के बारे में पूछे जाने पर ITC के एक प्रवक्ता ने कहा कि IIAS द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब पहले ही दे दिया गया है, जिसे उन्होंने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। उन्होंने कहा, ‘हम समझते हैं कि अन्य सभी प्रॉक्सी सलाहकार फर्मों ने होटल कारोबार को अलग करने के पक्ष में मतदान करने की सिफारिश की है।’
इनगवर्न और SES ने पक्ष में मतदान करने को इसलिए कहा है क्योंकि उनके हिसाब से मूल्यांकन पर किसी तरह की दिक्कत नहीं है। SES ने कहा है, ‘चूंकि ITC होटल्स के पास भी ITC की 60 फीसदी हिस्सेदारी होगी, इसलिए मूल्यांकन कोई मायने नहीं रखता। इसके अलावा ITC होटल्स सूचीबद्ध होगी, इसलिए उसकी कीमत पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये तय होगी। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।’
SES और इनगवर्न दोनों ने ITC से ब्रांड उपयोग का शुल्क स्पष्ट करने के कहा है। कंपनी ने संकेत दिया है कि वह उद्योग में चल रहे पैमाने के हिसाब से ही होगा। इनगवर्न ने रॉयल्टी शुल्क के अलावा सामान्य परिसंपत्तियों और साझा सेवाओं के बारे में वाणिज्यिक समझौते की शर्तें भी स्पष्ट करने को कहा है।
NCLT ने ITC की बैठक बुलाई है, जो 6 जून को होगी। उसके बाद कंपनी मतदान का नतीजा घोषित करेगी। ITC के बड़े शेयरधारकों में LIC (15.2 फीसदी), सूटी (7.81 फीसदी), मिडलटन इन्वेस्टमेंट (3.9 फीसदी), जीक्यूजी पार्टनर्स (1.69 फीसदी) आदि शामिल हैं।
ITC का शेयर 1.1 फीसदी गिरकर 431.5 रुपये पर बंद हुआ और इस हिसाब से कंपनी का मूल्यांकन 5.39 लाख करोड़ रुपये होता है।