आईटीसी के अपने होटल बिजनेस को अलग करने और उसे स्टॉक मार्केट में लिस्ट कराने के प्लान पर तीन एडवायजरी फर्मों की मिलीजुली राय है। इनगवर्न एंड स्टेकहोल्डर्स इंपावरमेंट सर्विसेज (एसईएस) ने शेयरधारकों को प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने को कहा है। उधर, इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर एडवायजरी सर्विसेज (आईआईएएस) ने शेयरधारकों को इस प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करने की सलाह दी है। आईआईएएस ने कहा है कि प्रस्तावित स्ट्रक्चर का मकसद आईटीसी के रेशियो में इम्प्रूवमेंट लाना है लेकिन इससे न तो शेयरधारकों के लिए कोई वैल्यू अनलॉक होती दिख रही है न ही इससे होटल बिजनेस के लिए नई पूंजी को लेकर आईटीसी की जिम्मेदारी में कमी आ रही है।
IiAS ने यह भी कहा है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने होटल बिजनेस में 40 फीसदी हिस्सेदारी के अपने प्लान के मकसद के बारे में भी नहीं बताया है। अभी यह पता नहीं है कि वे इस हिस्सेदारी को किसी स्ट्रेटेजिक इनवेस्टर को बेचेंगे या इस अपने पास बनाए रखेंगे। आईआईएएस ने इस बारे में कंपनी के मैनेजमेंट से सवाल पूछे हैं। उसने कहा है कि डीमर्जर से आम तौर पर कुछ वैल्यू अनलॉक होती है, लेकिन बतौर प्रमोटर आईटीसी होटल बिजनेस को पूंजी उपलब्ध कराती रहेगी।
SES को आईटीसी होटल्स की वैल्यूएशन को लेकर कोई चिंता नहीं है। उसने कहा है, “चूंकि आईटीसी होटल्स के पास मिरर शेयरहोल्डिंग (ITC का 60 फीसदी) होगी और बाकी आईटीसी के पास होगी, जिससे अभी वैल्यूएशन कोई मसला नहीं है। इसके अलावा चूंकि आईटीसी होटल्स की लिस्टेड वैल्यू एक पारदर्शी प्राइस डिस्कवरी मैकेनिज्म के जरिए होगी, जिससे इस बारे में किसी तरह की चिंता नहीं है।”
आईटीसी के पोर्टफोलियो में होटल सेगमेंट की बहुत छोटी हिस्सेदारी है। आईटीसी के कुल रेवेन्यू में इसकी सिर्फ 3 से 5 फीसदी हिस्सेदारी है। उधर, IiAS ने कहा है कि डीमर्जर से ज्यादा सिनर्जी की भी उम्मीद नहीं है, क्योंकि होटल बिजनेस की हिस्सेदारी रेवेन्यू में काफी कम है। मार्केट एनालिस्ट्स का अनुमान है कि नई इंडिपेंडेंट कंपनी की वैल्यू 12 से 23 रुपये प्रति शेयर होगी।
आईटीसी ने 23 मई को कहा कि स्टॉक एक्सचेंजों से नो-ऑब्जेक्शन मिलने के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने कंपनी को 6 जून, 2024 को शेयरहोल्डर्स की बैठक बुलाने को कहा है। इस बैठक में होटल बिजनेस को अलग करने के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद उसे मंजूरी दी जाएगी। 14 अगस्त, 2023 को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने होटल बिजनेस को अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई कंपनी की लिस्टिंग के लिए करीब 15 महीने का टाइम तय किया गया था। होटल बिजनेस के पास आईटी का ब्रांड नाम इस्तेमाल करने का अधिकार होगा।
डीमर्जर के प्लान के तहत शेयरधारकों को आईटीसी के हर 10 शेयर पर होटल कंपनी का एक शेयर मिलेगा। आईटीसी के शेयरधारकों की आईटीसी होटल्स में करीब 60 फीसदी की सीधी हिस्सेदारी होगी। बाकी 40 फीसदी हिस्सेदारी आईटीसी के पास बनी रहेगी।