केएएल एयरवेज (KAL Airways) और कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) ने सोमवार 27 मई को कहा कि वे स्पाइसजेट और उसके चेयरमैन अजय सिंह से करीब 1,323 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच जारी विवाद में दिल्ली हाई कोर्ट के आए हालिया आदेश को चुनौती देंगे। दिल्ली हाई कोर्ट की एक डिविजनल बेंच ने बीते 17 मई को सिंगल जज बेंच के सुनाए उस फैसले को रद्द कर दिया था, जिसमें उसने मध्यस्थता अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था और स्पाइसजेट और उसके प्रमोटर अजय सिंह को ब्याज के साथ 579 करोड़ रुपये मारन को वापस करने के लिए कहा था। सिंगल जज बेंच ने यह फैसला 31 जुलाई 2023 को सुनाया था।
हाई कोर्ट ने इस आदेश के खिलाफ अजय सिंह और स्पाइसजेट की अपील की याचिका को स्वीकार कर दिया और मध्यस्थता अदालत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को संबंधित कोर्ट में वापस भेज दिया। मारन और उनकी कंपनी KAL एयरवेज ने अपने कानूनी सलाहकार से परामर्श के बाद इसी आदेश को चुनौती देने का फैसला लिया है।
KAL एयरवेज और मारन का मानना है कि इस आदेश में खामियां हैं और आगे इसपर जांच की आवश्यकता है। KAL एयरवेज ने सोमवार को बयान में कहा वे 1,323 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना भी मांग रहे हैं। इस राशि का आकलन ब्रिटेन की FTI कंसल्टिंग एलएलपी ने किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन से होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए चर्चित कंपनी है।
बयान के अनुसार, नुकसान का दावा KAL एयरवेज और मारन ने मध्यस्थता अदालत के सामने पेश किया था। बयान में कहा गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती और हर्जाने के दावे, दोनों को आगे बढ़ाकर मामले के उचित और न्यायसंगत समाधान की उम्मीद है।
इसमें कहा गया है कि यह विवाद स्पाइसजेट की ओर से भरोसा तोड़ने के कारण पैदा हुआ और इसने एक दशक से अधिक समय तक KAL एयरवेज और कलानिधि मारन दोनों के लिए समस्या पैदा की है।