इंडिया और ग्लोबल मार्केट में पावर स्टॉक्स में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। इनमें रिन्यूएबल एनर्जी और पारंपरिक स्रोतों से बिजली बनाने वाली कंपनियों के स्टॉक्स शामिल हैं। इस सेक्टर की देशी और विदेशी कंपनियों के स्टॉक्स की तुलना करने पर पता चलता है कि पी/ई और रिटर्न रेशियो के लिहाज से ग्लोबल पावर कंपनियों की वैल्यूएशन इंडियन पावर कंपनियों के मुकाबले अट्रैक्टिव है।
पैटरसन पीएमएस के पोर्टफोलियो मैनेजर प्रसन्ना बिदकर ने कहा कि ग्लोबल पावर कंपनियों के शेयरों का औसत पीई करीब 16-18 गुना के बीच है। इसके मुकाबले इंडियन पावर कंपनियों का औसत पीई 18-20 गुना के बीच है। उदाहरण के लिए AES Energy का एक साल का फॉरवर्ड पी/ई 10.04 है। इसके मुकाबले NTPC का पीई 17.28 है। ROCE और ROE की बात करें तो एईएस एनर्जी 39.15 के साथ एनटीपीसी के 13.17 के मुकाबले काफी आगे है।
एईएस एनर्जी वर्जिनिया के अर्लिंगटन में है। यह एक ग्लोबल पावर कंपनी है। इसका बिजनेस दुनिया के 15 देशों में है। यह रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रिड मॉडर्नाइजेशन पर फोकस करती है। 2023 में इसका रेवेन्यू 11.14 अरब डॉलर था। इसका बाजार पूंजीकरण 15 अरब डॉलर है। सोलर पैनल बनाने वाली Sunrun और First Solar का P/B क्रमश: 0.48 और 1.28 है। इसके मुकाबले Waree Energy का पी/बी 241.32 है
मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि ग्लोबल पावर कंपनियों के शेयरों की तुलना इंडियन पावर कंपनियों के शेयरों से करना ठीक नहीं है, क्योंकि इंडिया में कंपनियां कई तरह के रेगुलेशन के तहत ऑपरेट करती हैं। इसके अलावा अगर P/E, ROCE, ROC और P/B जैसे मानकों पर तुलना की जाए तो यह सिर्फ डेटा की तुलना होगा। फिसडम के नीरव कारकेरा ने कहा, “अगर ROC ज्यादा है तो सवाल है कि यह क्यों ज्यादा है?”
उन्होंने कहा कि हमें तुलना करने में कंपनियों की अर्निंग्स, कॉस्ट, ऑर्डर आदि को भी ध्यान में रखना होगा। जहां तक इंडियन और विदेशी पावर कंपनियों में निवेश का सवाल है तो इंडिया में पावर सेक्टर में निवेश करने के लिए काफी मौके हैं। गुप्ता ने कहा, “इंडिया में निवेश के काफी मौके हैं। लेकिन अगर आप निवेश का दायरा बढ़ाते हैं तो आपको अच्छी डील्स मिलेंगी।” उन्होंने यह भी कहा कि आप इंडिया के पावर सेक्टर में निवेश करें या विदेश के पावर सेक्टर में निवेश करें, आपको यह निवेश लंबी अवधि के लिए करना होगा।