मुंबई9 मिनट पहले
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सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप और उससे जुड़ी 3 कंपनियों पर बैन लगा दिया है। अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म पर इंडेक्स एक्सपायरी के दिन कीमतों में हेराफेरी करने का आरोप लगा है। सेबी ने 4,843.57 करोड़ रुपए की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश भी दिया है।
आइए, इस पूरे मामले को सवाल-जवाब के जरिए समझते हैं…
सवाल 1: जेन स्ट्रीट ग्रुप क्या है?
जवाब: जेन स्ट्रीट एक अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी है, जो हाई-टेक्नोलॉजी और क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग यानी, गणितीय मॉडल्स का इस्तेमाल करके शेयर बाजार में ट्रेडिंग करती है। ये कंपनी भारत में डेरिवेटिव्स मार्केट, खासकर बैंक निफ्टी और निफ्टी 50 इंडेक्स ऑप्शंस में बड़े पैमाने पर ट्रेड करती थी।
सेबी ने जेन स्ट्रीट के साथ JSI2 इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड को शेयर मार्केट से बैन किया है।

सवाल 2: SEBI ने जेन स्ट्रीट पर क्या आरोप लगाए हैं?
जवाब: SEBI का कहना है कि जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी और निफ्टी 50 जैसे इंडेक्स की कीमतों को एक्सपायरी डे पर जानबूझकर प्रभावित किया। कंपनी ने दो मुख्य तरीकों का इस्तेमाल किया:
- इंट्रा-डे इंडेक्स मैनिपुलेशन: सुबह के समय जेन स्ट्रीट बड़ी मात्रा में बैंक निफ्टी के फ्यूचर्स और कैश मार्केट में शेयर खरीदती थी। उसी समय ये पुट ऑप्शंस बेच देती थी। पुट ऑप्शंस में इंडेक्स के गिरने पर मुनाफा मिलता है। दोपहर बाद ये उसी इंडेक्स के फ्यूचर्स को बड़े पैमाने पर बेच देती थी, जिससे इंडेक्स नीचे आ जाता था। इससे ऑप्शंस में उनकी पोजीशन को फायदा होता था।
- एक्सटेंडेड मार्किंग द क्लोज: एक्सपायरी के दिन ट्रेडिंग के आखिरी घंटों में जेन स्ट्रीट बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री करके इंडेक्स की क्लोजिंग को अपने फायदे के लिए प्रभावित करती थी। ये सब इतनी तेजी से और इतने बड़े पैमाने पर होता था कि आम निवेशकों को भनक भी नहीं लगती थी।
सवाल 3: ये हेराफेरी कैसे काम करती थी?
जवाब: सेबी ने बताया कि 17 जनवरी 2024 की सुबह जेन स्ट्रीट ने पैच I यानी 09:15:00 से 11:46:59 बजे की बीच बैंक निफ्टी फ्यूचर्स और कैश सेगमेंट में 4,370 करोड़ रुपए की खरीदारी की। इससे बैंक निफ्टी इंडेक्स में तेजी आई और पुट ऑप्शन्स की कीमत घट गई। अब जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी ऑप्शंस में 32,114.96 करोड़ रुपए की बेयरिश पोजीशन बनाई। उन्होंने सस्ते पुट ऑप्शंस खरीदे और महंगे कॉल ऑप्शंस बेचे।
दोपहर के बाद पैच II यानी, 11:49 AM–15:30 PM के बीच कंपनी ने पैच I में खरीदे गए बैंक निफ्टी के शेयरों और फ्यूचर्स में अपनी लगभग सारी नेट पोजीशन को बेच दिया। बिक्री इतनी आक्रामक थी कि इससे बैंक निफ्टी के शेयरों और इंडेक्स में गिरावट आई। जेन स्ट्रीट को इंट्रा-डे कैश और फ्यूचर्स मार्केट ट्रेडिंग में नुकसान हुआ।
लेकिन पुट ऑप्शंस की वैल्यू अब बढ़ चुकी थी। जेन स्ट्रीट ग्रुप अब बैंक निफ्टी इंडेक्स ऑप्शंस की बहुत बड़ी पोजीशंस (लॉन्ग पुट्स और शॉर्ट कॉल्स) से मुनाफा कमाया, जिसमें पैच I के दौरान बनाई गई पोजीशंस भी शामिल हैं। जेन ने कुछ पोजीशंस को बंद कर दिया और बाकी को मुनाफे के साथ एक्सपायर होने दिया। इंडेक्स ऑप्शंस में मुनाफा जेन स्ट्रीट के इंट्रा-डे कैश/फ्यूचर्स ट्रेडिंग में हुए नुकसान की भरपाई से कहीं ज्यादा था।
जेन स्ट्रीट ने ऑप्शंस में 735 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, लेकिन कैश और फ्यूचर्स में 61.6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर, उस दिन कंपनी ने 673.4 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा लिया। इस मैनिपुलेशन से बैंक निफ्टी की क्लोजिंग भी कमजोर रही।
17 जनवरी 2024 को बैंक निफ्टी इंडेक्स में शुरुआत में तेज गिरावट देखी गई, जो पिछले दिन के बंद 48,125.10 से गिरकर 46,573.95 पर खुला। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि इस गिरावट का कारण HDFC बैंक के 16 जनवरी को बाजार बंद होने के बाद घोषित किए गए नतीजों से बाजार की निराशा हो सकती है।
सवाल 4: जेन स्ट्रीट ने कुल कितना मुनाफा कमाया?
जवाब: SEBI की जांच के मुताबिक, जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक जेन स्ट्रीट ने कुल 44,358 करोड़ रुपए का मुनाफा ऑप्शंस ट्रेडिंग से कमाया। हालांकि, इस दौरान कंपनी ने स्टॉक फ्यूचर्स में 7,208 करोड़, इंडेक्स फ्यूचर्स में 191 करोड़ और कैश मार्केट में 288 करोड़ रुपये का नुकसान भी उठाया। कुल मिलाकर, कंपनी ने 36,671 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया, जिसमें से SEBI ने 4,843.57 करोड़ रुपए को “अवैध कमाई” माना और इसे जब्त करने का आदेश दिया।
सवाल 5: SEBI को इस हेराफेरी का पता कैसे चला?
जवाब: अप्रैल 2024 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी पर सवाल उठे। इसके बाद SEBI ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग की जांच करने को कहा।
फरवरी 2025 में NSE ने जेन स्ट्रीट को एक चेतावनी पत्र भी जारी किया था, जिसमें उसे ऐसी ट्रेडिंग करने से मना किया गया था, लेकिन कंपनी ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
सवाल 6: SEBI ने क्या कार्रवाई की?
जवाब: SEBI ने 3 जुलाई 2025 को एक 105 पेज का अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें:
- जेन स्ट्रीट और उसकी सहायक कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से रोक दिया गया।
- सेबी ने जेन स्ट्रीट की 4,843.57 करोड़ रुपए की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया है।
- बैंकों को निर्देश दिया कि जेन स्ट्रीट के खातों से कोई डेबिट ट्रांजैक्शन बिना SEBI की अनुमति के न हो।
सवाल 7: इस हेराफेरी का छोटे निवेशकों पर क्या असर पड़ा?
जवाब: जेन स्ट्रीट की इस रणनीति ने छोटे और रिटेल निवेशकों को बहुत नुकसान पहुंचाया। ये निवेशक इंडेक्स की कीमतों को देखकर ट्रेडिंग करते हैं, लेकिन जेन स्ट्रीट की हेराफेरी की वजह से कीमतें गलत संकेत दे रही थीं। इससे रिटेल निवेशकों को गलत ट्रेडिंग फैसले लेने पड़े और कई बार नुकसान हुआ। SEBI ने इसे “बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता” के खिलाफ बताया।
सवाल 8: जेन स्ट्रीट ने इन आरोपों का क्या जवाब दिया?
जवाब: जेन स्ट्रीट ने SEBI के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि वो सभी नियमों का पालन करती है। कंपनी ने कहा कि वो SEBI के साथ बातचीत करेगी और अपने पक्ष को रखेगी। SEBI ने कंपनी को 21 दिन का समय दिया है।
सवाल 9: इस कार्रवाई का भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
जवाब: जेन स्ट्रीट जैसी बड़ी ट्रेडिंग फर्म के बैन होने से शेयर बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम पर असर पड़ सकता है। ये कार्रवाई विदेशी निवेशकों के लिए एक चेतावनी है कि भारतीय बाजार में हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सवाल 10: अब आगे क्या होगा?
जवाब: SEBI ने स्टॉक एक्सचेंजों को जेन स्ट्रीट की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है ताकि कोई और हेराफेरी न हो। अगर जांच में जेन स्ट्रीट दोषी पाई गई, तो और सख्त कार्रवाई हो सकती है। अगर वो निर्दोष साबित हुई, तो बैन हट सकता है और जब्त रकम वापस मिल सकती है।
