पाम ऑयल का अतिरिक्त बुआई का लक्ष्य पिछड़ सकता है। आंकड़े बताते हैं देश में अभी बुआई लक्ष्य से काफी पीछे है। अतिरिक्त 6.64 लाख हे. बुआई का लक्ष्य है। 2025-26 के लिए 2 लाख हे. में बुआई हुई। 31 मार्च 2026 तक 2.5 लाख हे. में बुआई संभव है। सरकार ने अगस्त 2021 में नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल – ऑयल पाम (NMEO-OP) शुरु किया था।
पिछड़ा NMEO-OP?
देश में पाम ऑयल उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है। 2025-26 तक 11.20 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य है उत्पादन बढ़ने के लिए अतिरिक्त बुआई बढ़ने पर जोर है। बुआई लक्ष्य 6.64 लाख हेक्टेयर रखा था।
सरकार का बड़ा फैसला
इस बीच सरकार ने रिफाइनर्स को आदेश जारी करते हुए कहा है कि ड्यूटी घटने का पूरा फायदा कंज्यूमर को मिले। सरकार ने 9-10 रुपये किलो घटने का पूरा फायदा लोगों को देने का आदेश दिया है। आज दिल्ली में एसोसिएशन के साथ सरकार की बैठक होगी ।
देश में पाम का इंपोर्ट बढ़ने की उम्मीद
GGN रिसर्च नीरव देसाई का कहना है कि देश में पाम के प्लांटेशन को बढ़ाने में वक्त लगेगा क्योंकि यह एक धीमी गति से चलने वाला प्रोसेस है। इस साल पाम की बुआई पिछड़ सकती है। पाम की बुआई को अभी भी प्रोत्साहन देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि देश में तिलहन की बुआई बढ़ाने की जरुरत है। हालांकि बुआई बढ़ने के लिए सरकार को अभी और वक्त लगेगा। क्योंकि पाम की फसल तैयार होने में 4 साल लगते हैं, ज्यादातर किसान इतना लंबा इंतजार नहीं करना चाहते।
उन्होंने आगे कहा कि सोया, सनफ्लावर ऑयल के दाम चढ़ने से देश में पाम का इंपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है। आंध्र, तेलंगाना में पाम की बुआई की स्थिति अच्छी है। ओडिशा में पाम की बुआई बढ़ाने में अभी भी वक्त लगेगा।
नीरव देसाई ने आगे कहा कि डयूटी घटने का पूरा फायदा लोगों को दिया गया है। 4-5 फीसदी कीमतों में गिरावट पहले ही आ चुकी है। इंटरनेशनल मार्केट में खाने के तेल के दाम गिरे है।
इंपोर्ट पर बात करते हुए नीरव ने कहा कि जून में पाम ऑयल का इंपोर्ट बढ़ने की संभावना है। जून-जुलई में बाईंग भी अच्छी रही है। जुलाई-अगस्त- सितंबर में रिकॉर्ड पाम इंपोर्ट होने की उम्मीद की जा रही है। जून में 8.5 लाख टन पाम ऑयल इंपोर्ट की उम्मीद है जबकि जुलाई-अगस्त- सितंबर में 9-10 लाख टन इंपोर्ट होने की उम्मीद है।
