Defence Stocks: पिछले महीने हुए पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और PoK के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। उसके बाद डिफेंस स्टॉक्स में जबरदस्त रैली देखने को मिली थी। हालांकि, सोमवार (9 जून) को डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि ओवरऑल मार्केट में तेजी का सेंटिमेंट था।
आइए जानते हैं कि किन डिफेंस कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई और अब निवेशकों को क्या करना चाहिए।
Data Patterns का शेयर 3.4% गिरकर ₹2,942 पर पहुंच गया। यह कंपनी घरेलू रक्षा उत्पादों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स सॉल्यूशंस देने वाली वर्टिकली इंटीग्रेटेड डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनी है।
बीते एक महीने में इसके शेयरों में 33% का उछाल आया था। इसका 52-हफ्ते का उच्चतम स्तर ₹3,655 और न्यूनतम ₹1,351 है। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप ₹16,600 करोड़ के करीब है।
सरकार के मालिकाना हक वाली शिपबिल्डिंग कंपनी Cochin Shipyard के शेयर ₹2,319 पर आ गए, जो लगभग 3% की गिरावट है। बीते एक महीने में इसमें 56% की जोरदार तेजी देखी गई थी।
फरवरी में कोचीन शिपयार्ड का 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹1,180 था। वहां से अब ये उससे करीब 96% ऊपर है। कंपनी का मार्केट कैप ₹61,014 करोड़ के करीब है।
ड्रोन बनाने वाली Zen Technologies के शेयर 3% से ज्यादा गिरकर ₹2,015 पर आ गए। पिछले एक महीने में इसमें 43% की तेजी आई थी। पिछले साल जून में इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹905 था, और अब ये उससे करीब 123% ऊपर ट्रेड कर रहा है।
अन्य डिफेंस कंपनियों पर भी दबाव
Paras Defence के शेयरों में भी 2% से ज्यादा की गिरावट देखी गई और यह ₹1,609 पर आ गया। 2025 में अब तक इसमें 60% तक की तेजी आई थी। वहीं, Mazagon Dock Shipbuilders, BEML, GRSE, और DCX India जैसे अन्य डिफेंस शेयरों में भी मामूली गिरावट देखने को मिली।
Nifty Defence Index में दबाव
डिफेंस कंपनियों के शेयरों में गिरावट का असर निफ्टी डिफेंस इंडेक्स पर दिखा। यह लाल निशान में चला गया और 8,910.30 के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा था।
क्या है गिरावट की वजह?
एनालिस्टों का मानना है कि बीते दिनों डिफेंस शेयरों में आई तेजी के बाद अब निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं। साथ ही, अभी के लिए डिफेंस स्टॉक्स को ट्रिगर करने वाला कोई पॉजिटिव प्वाइंट भी नहीं है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट के मुताबिक, कई डिफेंस कंपनियों का वैल्यूएशन भी अधिक हो गया है। ऐसे में नए निवेश से पहले थोड़े करेक्शन का इंतजार कर लेना बेहतर हो सकता है। एक्सपर्ट का मानना है कि डिफेंस कंपनियों में फंडामेंटल से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं है। लॉन्ग टर्म में डिफेंस सेक्टर में सरकारी निवेश और स्वदेशीकरण के प्रयास इन कंपनियों के लिए सकारात्मक बने रहेंगे।
