अनिल अग्रवाल के वेदांता (Vedanta) की सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) के बोर्ड की बैठक से पहले आज शेयरों की खरीदारी बढ़ गई। इस डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 17 जून 2025 फिक्स हो चुका है। हिंदुस्तान जिंक के बोर्ड की बैठक 11 जून को है। इस बैठक में कंपनी का बोर्ड इस वित्त वर्ष 2026 के पहले अंतरिम डिविडेंड पर विचार कर सकती है, इसी उम्मीद ने शेयरों की चमक बढ़ा दी है। सिर्फ यहीं नहीं, इसकी पैरेंट कंपनी वेदांता के भी शेयर उछल गए हैं। फिलहाल वेदांता के शेयर बीएसई पर 2.12% की बढ़त के साथ ₹457.50 और हिंदुस्तान जिंक के शेयर 4.39% के उछाल के साथ ₹524.25 पर हैं। इंट्रा-डे में वेदांता 2.98% उछलकर ₹461.35 और हिंदुस्तान जिंक 6.03% बढ़कर ₹532.50 पर पहुंच गया था।
Hindustan Zinc में Vedanta की कितनी हिस्सेदारी?
मार्च तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक प्रमोटर वेदांता की हिंदुस्तान जिंक में 63.42% हिस्सेदारी है। पिछले साल अगस्त में जब हिंदुस्तान जिंक ने हर शेयर पर ₹19 के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था तो वेदांता को ₹5,091 करोड़ मिले थे। इसमें सरकार की भी 27.92% हिस्सेदारी है। ₹2 लाख से कम निवेश वाले निवेशकों यानी खुदरा निवेशकों की बात करें तो करीब 7 लाख रिटेल इंवेस्टर्स की इसमें 2.48% होल्डिंग है।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल
पहले बात करते हैं वेदांता के शेयरों की एक साल में चाल के बारे में तो पिछले साल 16 दिसंबर 2024 को यह ₹527.00 पर था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। शेयरों की यह तेजी यहीं थम गई और इस हाई लेवल से चार ही महीने में यह 31.27% फिसलकर 7 अप्रैल 2025 को ₹362.20 के भाव पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। अब बात करते हैं हिंदुस्तान जिंक की तो पिछले साल 8 जुलाई 2024 को यह एक साल के रिकॉर्ड हाई ₹717.10 पर था। इस हाई लेवल से आठ महीने में यह 47.20% फिसलकर 3 मार्च 2025 को ₹378.65 के भाव पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।
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