आरबीआई की तरफ से सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का स्टॉक मार्केट ने 23 मई को जश्न मनाया। सुबह मार्केट खुलने पर प्रमुख सूचकांकों में हल्की तेजी दिखी। लेकिन, जल्द ये रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। इसमें बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियों के शेयरों का बड़ा हाथ रहा। सरकार को केंद्रीय बैंक से मिले डिविडेंड का ज्यादा फायदा इन्हीं दोनों को मिलेगा। केंद्रीय बैंक के बोर्ड ने 22 मई को हुई बैठक में सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह सरकार के अनुमान से दोगुना है।
सरकार का फिस्कल डेफिसिट घटेगा
सरकार ने इस साल 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में 1.02 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड (Dividend) का अनुमान लगाया था। ज्यादा डिविडेंड मिलने से सरकार के पास पूंजीगत खर्च बढ़ाने का मौका होगा। इससे सरकार का फिस्कल डेफिसिट घटेगा (Fiscal Deficit)। सरकार किसी एक या दोनों के लिए इस अतिरिक्त पैसा का इस्तेमाल कर सकती है। सरकार इस पैसा का चाहे जैसा इस्तेमाल करे लेकिन यह साफ है कि इससे मार्केट का सेंटिमेंट मजबूत हुआ है।
बैंकों की ट्रेजरी इनकम बढ़ेगी
सरकार के हाथ में अतिरिक्त पैसा आना बैंकों के लिए अच्छी खबर है। इसकी वजह यह है कि इससे सरकार को मार्केट से कम कर्ज लेना पड़ेगा। इससे इंटरेस्ट रेट नियंत्रण में रहेगा। इंटरेस्ट रेट कम रहने से बैंक का ट्रेजरी गेंस बढ़ेगा। 23 मई को निफ्टी ऑटो इंडेक्स में सबसे ज्यादा तेजी दिखी। इसके बाद बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स में सबसे ज्यादा उछाल दिखा। निफ्टी बैंक इंडेक्स 2.1 फीसदी चढ़ा। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 1.94 फीसदी का उछाल आया। निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 1.98 फीसदी मजबूत बंद हुआ। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 1.90 फीसदी तेजी आई।
बॉन्ड यील्ड में गिरावट की उम्मीद
SBICAPS सिक्योरिटीज में फंडामेंटल इक्विटी रिसर्च के हेड सनी अग्रवाल ने बॉन्ड यील्ड में और गिरावट आने का अनुमान जताया है। इसका असर बैंकों के स्टॉक्स पर पड़ेगा। खासकर सरकारी बैंकों के स्टॉक्स पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों की ट्रेजरी इनकम बढ़ जाएगी। फिसडम रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसके अलावा ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में इंडियन बॉन्ड्स शामिल होने जा रहे हैं। इससे डेट मार्केट में निवेश बढ़ेगा।
इन सेक्टर की कंपनियों पर दिख सकता है असर
फिसडम ने कहा है कि आने वाले महीनों में 10 साल के सरकारी बॉन्ड्स की यील्ड गिरकर 7 फीसदी से नीचे आ जाने की उम्मीद है। उधर, सरकार अतिरिक्त पैसा का इस्तेमाल पूंजीगत खर्च बढ़ाने के लिए कर सकती है। इसका असर कैपिटल गुड्स, कंस्ट्रक्श और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के स्टॉक्स पर दिखेगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार रोड, रेलवे और डिफेंस पर खर्च बढ़ा सकती है।