हाउसिंग फाइनेंस मार्केट में इस महीने एक बड़ी डील हुई। वारबर्ग पिंकस ने श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस (एसएचएफ) में 83.8 फीसदी खरीदी। उसने यह हिस्सेदारी श्रीराम फाइनेंस (पेरेंट कंपनी) से खरीदी। 13 मई, 2024 को हुई डील में श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस की वैल्यू 4,360 करोड़ रुपये लगाई गई। यह FY24 में कंपनी की बुक वैल्यू का 2.4 गुना है। FY24 के अंत में श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 13,762 करोड़ रुपये पहुंच गया था। पिछले तीन साल में कंपनी का एयूएम 4 गुना हो गया है। यह 56 फीसदी से ज्यादा सीएजीआर है। श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस मुख्य रूप से एफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस के क्षेत्र में काम करती है। इसका एवरेज लोन साइज करीब 16 लाख रुपये है।
श्रीराम हाउसिंग को ग्रोथ के लिए पूंजी की जरूरत
हाउसिंग फाइनेंस सब्सिडियरी की बिक्री के बाद पूंजी के लिहाज से श्रीराम फाइनेंस अब ज्यादा मजबूत हो गई है। इस डील के पीछे यह मुख्य वजह थी। श्रीराम हाउसिंग की ग्रोथ अच्छी है। इस ग्रोथ को जारी रखने के लिए पूंजी की जरूरत थी। हाउसिंग फाइनेंस कंपनी को बेचने के बाद श्रीराम फाइनेंस को कमर्शियल व्हीकल फाइनेंसिंग के अपने कोर बिजनेस पर फोकस करने में मदद मिलेगी। इसमें मुनाफा बनाने की ज्यादा गुंजाइश है। श्रीराम फाइनेंस का ROA FY24 में 3.1 फीसदी था। यह श्रीराम हाउसिंग के 2.2 फीसदी से ज्यादा है।
एफोर्डेबल हाउसिंग की तेज ग्रोथ
एफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस की ग्रोथ काफी तेज रही है। इसमें लोन का औसत साइज 15 लाख रुपये है। FY24-25 में इसकी सीएजीआर करीब 30 फीसदी रहने की उम्मीद है। इस सेक्टर की ग्रोथ में सरकार और रेगुलेटरी की पॉलिसी का बड़ा हाथ है। तेज ग्रोथ बनाए रखने के लिए इस सेक्टर की कंपनियों को पूंजी की जरूरत है। श्रीराम फाइनेंस की डील से एफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस मार्केट में कंसॉलिडेशन बढ़ने की उम्मीद दिखती है। इसकी वजह यह है कि इस क्षेत्र में काफी ज्यादा कंपनियां हैं।
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की वैल्यूएशन में फर्क
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की वैल्यूएशन में काफी अंतर देखने को मिला है। होम फर्स्ट और इंडिया शेल्टर सबसे तेजी से बढ़ने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में शामिल हैं। Repco Home और LIC Housing इस सेक्टर की ऐसी कंपनियां हैं, जिनकी वैल्यूएशन सबसे कम है। निवेश के लिहाज से एफोर्डेबल हाउसिंग कंपनियां अट्रैक्टिव लगती हैं।
लार्ज बेस पर तेज ग्रोथ हासिल करना मुश्किल
हालांकि, इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी LIC Housing Finance है, जिसमें उसके FY26 के अनुमानित बुक वैल्यू से कम पर ट्रेडिंग हो रही है। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के लिए लार्ज बेस पर लोन बुक में ग्रोथ हासिल करना मुश्किल है। रिटर्न रेशियो भी बहुत अट्रैक्टिव नहीं है। एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के विलय से यह साबित हो गया है कि साइज बहुत बढ़ जाने पर स्टैंडएलोन हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के रूप में ऑपरेट करना फायदेमंद नहीं है। इसलिए पुरानी कंपनियों में हमें Repco Home Finance पसंद है।
होम फाइनेंस के लिए यह साल अच्छा
इस साल होम फाइनेंस की शुरुआत अच्छी हुई थी। कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट 10,000 करोड़ रुपये पहुंच गया था। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में नए ब्रांच खोलने का बड़ा हाथ है। मैनेजमेंट ने एयूएम में 30 फीसदी ग्रोथ का गाइडेंस दिया है। एसेट क्वालिटी इम्प्रूवमेंट लगातार इम्प्रूवमेंट और क्रेडिट कॉस्ट कम रहने से आगे रिटर्न ऑन एसेट (ROA) को सपोर्ट मिलेगा।
आधार एफोर्डेबल हाउसिंग की सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी
Aadhar एफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। दिसंबर 2023 में इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट 19,900 करोड़ रुपये था। हालांकि, इसकी मौजूदगी दूसरी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा व्यापक इलाकों में है। इससे बड़ी खासियत इसकी वैल्यूएशन है। यह दूसरी लिस्टेड एचएफसी कंपनियों के मुकाबले डिस्काउंट पर उपलब्ध है। इससे इसके स्टॉक में तेजी की गुंजाइश है।