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जिस कंपनी के दम पर कॉर्पोरेट वर्ल्ड में बजता है सउदी अरब का डंका, हैरान कर देंगे उसके कमाई के आंकड़े | Zee Business

जिस कंपनी के दम पर कॉर्पोरेट वर्ल्ड में बजता है सउदी अरब का डंका, हैरान कर देंगे उसके कमाई के आंकड़े | Zee Business

 

वैश्विक तेल बाजार में सऊदी अरब की पकड़ और कॉर्पोरेट दुनिया में उसकी ताकत का बड़ा कारण मानी जाने वाली कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) ने चालू साल की पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी किए हैं. हालांकि कंपनी के मुनाफे में मामूली गिरावट आई है, लेकिन इसके बावजूद भी इसके आंकड़े दुनिया की बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ने के लिए काफी हैं.

सऊदी सरकार के स्वामित्व वाली इस तेल कंपनी ने जनवरी से मार्च 2025 की अवधि में 26 अरब डॉलर का शुद्ध लाभ कमाया, जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4.6 फीसदी कम है. 2024 की पहली तिमाही में कंपनी का लाभ 27.2 अरब डॉलर रहा था. इस बार कंपनी का कुल राजस्व 108.1 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 107.2 अरब डॉलर से थोड़ा अधिक है. अरामको ने यह आंकड़े सऊदी अरब के रियाद स्थित तदावुल स्टॉक एक्सचेंज को उपलब्ध कराए हैं. दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में गिनी जाने वाली अरामको भले ही तिमाही लाभ में थोड़ी गिरावट दिखा रही हो, लेकिन उसके कुल आंकड़े अब भी वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली हैं.

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी के मुनाफे में इस गिरावट की बड़ी वजह वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रही है. इसके साथ ही मांग में उतार-चढ़ाव और उत्पादन पर लगे कुछ सीमाओं ने भी असर डाला है. हालांकि कंपनी का प्रबंधन इस गिरावट को अल्पकालिक मानता है और दीर्घकालिक रणनीतियों के तहत उत्पादन और निवेश को संतुलित बनाए रखने की बात करता है.

शेयर मूल्य में भी गिरावट

अरामको के शेयर की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली है. पिछले साल यह शेयर 8 डॉलर प्रति यूनिट था, जबकि इस साल की पहली तिमाही में इसका भाव 6 डॉलर पर पहुंच गया. यह गिरावट निवेशकों की चिंताओं को दर्शाती है, हालांकि कंपनी का विशाल कैश फ्लो और सरकार का समर्थन इसे अब भी निवेश के लिए आकर्षक विकल्प बनाता है.

सऊदी अर्थव्यवस्था की रीढ़

अरामको केवल एक कंपनी नहीं, बल्कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इसके माध्यम से न केवल सऊदी सरकार की आमदनी होती है, बल्कि देश की ग्लोबल पोजिशनिंग भी तय होती है. अरामको के जरिए ही सऊदी अरब ‘विजन 2030’ जैसे कार्यक्रमों को फंड करता है, जिसका मकसद देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से बाहर निकालना है. संक्षेप में कहें तो, भले ही तिमाही मुनाफे में गिरावट आई हो, लेकिन सऊदी अरामको अब भी वैश्विक ऊर्जा बाजार की एक सुपरपावर कंपनी बनी हुई है, जिसकी आर्थिक ताकत पूरी दुनिया में महसूस की जाती है.

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